विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने 2जी मामले में गृह मंत्री पी. चिदंबरम को सह.आरोपी बनाने की जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका खारिज कर दी.
विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी ने स्वामी की याचिका पर अपने बहु प्रतीक्षित फैसले को पढ़ते हुए कहा कि चिदंबरम को आरोपी के तौर पर बुलाने की आपकी अर्जी खारिज की जाती है. अदालत स्वामी की उस शिकायत पर सुनवाई 17 मार्च से शुरू करेगी जिसमें चिदंबरम को आरोपी बनाए बिना पूर्व संचार मंत्री ए. राजा के खिलाफ और भी आरोप लगाये गये थे.
सूत्रों के अनुसार चिदंबरम को समन भेजने के लिए जो सबूत पेश किए गए, वे नाकाफी थे. सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा चिदंबरम को समन जारी करने के लिए जो सबूत पेश किए गए उसे कोर्ट ने पर्याप्त नहीं माना. हालांकि अभी फैसले का विस्तृत विवरण आने के बाद ही कुछ साफ हो पाएगा.
फैसले के बाद स्वामी ने कहा कि मेरी पहली प्रतिक्रिया है कि मुझे आश्चर्य हो रहा है. फैसले की कॉपी मेरे पास नहीं है, इसलिए विस्तृत प्रतिक्रिया रविवार को दूंगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए नई बात नहीं है. मैं हाई कोर्ट जाऊंगा और वहां से संतुष्टि नहीं मिली तो सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा. लाइसेंस रद्द होने के मामले में भी हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मेरी बात को सही माना और कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए.
इससे पहले सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुबह अदालत ने फैसला दोपहर 12.30 बजे तक के लिए टाल दिया था. स्पेशल जज ने 21 जनवरी को सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
अदालत में पिछली सुनवाइयों के दौरान स्वामी ने दावा किया था कि घोटाले में पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए. राजा और मौजूदा गृह मंत्री पी. चिदंबरम बराबर के दोषी हैं. उनका कहना है कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं, जो चिदंबरम पर आपराधिक और भ्रष्टाचार के मुकदमे का आधार बनाने के लिए काफी हैं.
केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि जब भी ऐसा कोई मामला कोर्ट में आता है तो मीडिया उसपर बहस शुरू कर देता है. ऐसा नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि 2जी मामले में तो अभी ट्रायल भी शुरू नहीं हुए इसलिए अभी कुछ भी कहना उचित नहीं है.
बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बिना फैसले की कॉपी देखे इसपर कोई भी टिप्पणि करना मुश्किल है और जहां तक इस फैसले के राजनीतिक असर का सवाल है तो ये केवल निचली अदालत का फैसला है और अभी प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम सबूत मौजूद हैं जो चिदंबरम को दोषी ठहरा सकते हैं. उन्होंने 2जी मामले में 122 लाइसेंस रद्द होने को एक बार फिर केंद्र सरकार के लि बहुत बड़ा झटका करार दिया.
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने इस फैसले के बाद कहा कि स्वामी ने जो कयामत मचाई हुई थी उसका अंत हो गया है. अल्वी ने मामले में बीजेपी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि बीजेपी को अब माफी मांगनी चाहिए.
कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, चिदंबरम सरकार के महत्वपूर्ण सदस्य हैं और इस फैसले से मैं खुश हूं. उन्होंने कहा कि यह फैसला यकीनन सरकार और चिदंबरम के लिए राहत है.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ये कोई राहत की बात नहीं है और हमारी पार्टी ने मामले में चिदंबरम की संलिप्तता को अलग तरीके से बार-बार रखा है. उन्होंने कहा कि चिदंबरम को बने रहने का कोई अधिकार नहीं है और उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए.