भारत के चार राज्यों, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उड़ीसा में सोमवार को केमिस्टों का दुकानें बंद रहेंगीं. वजह है सरकार के नए नियम, जिन्हें कैमिस्ट मानने को तैयार नहीं हैं.
सरकार और केमिस्टों की इस खींचतान में मरीजों का क्या होगा, यह बताने वाला कोई नहीं है. चार राज्यों में केमिस्ट अपनी दुकान बंद रखेंगे. केमिस्टों के एक वर्ग का दावा है कि सरकार के नए नियम उन्हें मंजूर नहीं, जिसके खिलाफ वो सोमवार को एक दिन के लिए दुकाने बंद रखकर विरोध जताएंगे. इनके मुताबिक इन्हें देश भर के दवा संगठनों का समर्थन है.
दरअसल एंटीबायोटिक दवाओं के बढ़ते इस्तेमाल के खतरों को देखते हुए सरकार ने नया नियम बनाया है, जिसके तहत कुछ खास एंटीबायोटिक दवाओं को लेने के लिए अब मरीजों को डॉक्टर से दो पर्चियां बनवानी होंगी, जिनमें एक केमिस्ट रखेगा. दूसरी पर्ची मरीज को भी एक साल तक संभालना होगा.
सरकार के दूसरे नियम के मुताबिक कैंसर और दिल से जुड़ी बीमारियों की 16 दवाएं अब सिर्फ बड़े अस्पतालों के मेडिकल स्टोर पर ही मिलेंगी, क्योंकि इन दवाओं पर टैक्स नहीं लगता है और सरकार को इनकी भी कालाबाजारी की आशंका है.
जिन 74 एंटीबायोटिक दवाओं के लिए दोहरी पर्ची का नियम बनाया गया है, वो बेहद उन्नत किस्म की हैं. इनमें खास हैं मेरोपेनेम, इमिटेनेम, इरटापेनेम, डोरीपेनेम, फेरोपेनेम, पॉलीमेक्सन बी, कोलीस्टीन, वेंकोमाइसीन, एकोफ्लेनीन, टीकेसायक्लीन,एजट्रओनाम,सीथेपाइन, सेपेपीरौम, मौक्सीफॉलक्सीन, गेमीफ्लाक्सीन आदि.
अब कैमिस्टों को लगता है कि नए नियमों से उनका धंधा घटेगा और सिरदर्द बढ़ेगा. ऊपर से दवाओं पर पाबंदी लगाने से उनकी कालाबाजारी बढ़ेगी. तीसरे, नियम तोड़ने वाले केमिस्ट का लाइसेंस रद्द होगा और तीन साल की सजा भी हो सकती है.
केमिस्टों की इस हड़ताल में शामिल होने के लिए दिल्ली में दूसरे राज्यों के केमिस्ट भी पहुंच रहे हैं. कानपुर से बस भरकर केमिस्ट दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं. हालांकि यूपी में केमिस्ट अभी हड़ताल पर नहीं हैं, लेकिन इससे दिक्कत तो होगी ही. दिल्ली समेत उड़ीसा, राजस्थान और हरियाणा में मरीजों का क्या होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
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