योग सिखाने वाले रामदेव अब बाजार में बेचेंगे अपने उत्पाद. रामदेव ने ऐलान किया है कि वो 1 मार्च से अपने पतंजलि योगपीठ के 100 उत्पादों को खुलेबाजार में लांच करेंगें. बाबा का दावा है कि पहले साल वो अपने व्यापार का टर्नओवर 2 हजार करोड़ रुपए करने की बात कही है.
योग की दुनिया से व्यापार की दुनिया में बड़ा कदम उठाया है बाबा रामदेव. रामदेव पतंजलि योगपीठ के 100 उत्पादों को एक साथ तीन राज्यों में लांच करने वाले हैं. इसके बाद रामदेव के उत्पाद खुले बाजार में बिकेंगें. और बाबा अपनी योगपीठ से बनी चीजों को बाकायदा किसी प्राइवेट लिमिटेड की तरह बेचेंगें.
स्वदेशी के कॉर्पोरेट अवतार को रामदेव व्यापार नहीं मानते वो कहते हैं ये तो यज्ञ है. रामदेव का दावा है कि उनकी पूरी शैली और रणनीति तो कॉर्पोरेट्स की तरह होगी पर वो उनसे बेहद अलग हैं.
तमाम तरह के उत्पादों से भरे बाजार में रामदेव का स्वदेशी सामान भला कोई क्यों खरीदेगा. इसे लेकर बाबा के बिजनेस के फंडे बिल्कुल क्लियर हैं वो अपने उत्पादों के विज्ञापन पर ज्यादा खर्च करने के मूड में नहीं हैं और न ही उन्हें किसी ब्रांड एंबेस्डर की दरकरार है वो तो स्वदेशी ब्रांड को ही भुनाना चाहते हैं.
पर सवाल ये भी है कि बड़े बड़े औद्योगिक समूहों के समाने भला बाबा का स्वेदशी कैसे टिकेगा. क्या मार्केटिंग मंत्र है बाबा के पास इनसे भिड़ने का.
रामदेव अपने नए बिजनेस योग में दाल,चावल,आटा,मसाला,जैम,जेली,अचार,मुरब्बा,च्यवनप्राश,दलिया,शर्बत,शैंपू,साबुन,फिनायल,महिलाओं के लिए ब्यूटी प्रोडक्ट सहित आम इस्तेमाल की लगभग हर चीज बाजार में उतार रहे हैं. और बाबा ने पहले ही साल 2000 करोड़ के टर्नओवर का लक्ष्य रखा है.
बाबा के इरादे तो बड़े हैं. वैसे इससे पहले भी रामदेव के करीब तीन हजार उत्पाद फ्रैंचाइजी के जरिए पूरे देश में बेचे जा रहे थे. पर अब बाबा खुद सीईओ बन कर मैदान में उतर आए हैं.
हालांकि बाबा के खुले बाजार में उतरने से देश में सबसे ज्यादा खुश होंगे कांग्रेस के नेता और बाबा के जानी दोस्त दिग्विजय सिंह. दिग्विजय अकेले ऐसे शख्स हैं जो बहुत पहले से रामदेव को व्यापारी कहते आए हैं. और अब दिग्विजय अपनी एक और बात के सच होने का ऐलान छाती ठोक कर करेंगें.
इन दोनो के बीच दांत कांटी दोस्ती है. दोनो के बीच गहरी दोस्ती का इससे अच्छा सबूत और क्या हो सकता है कि जो काम रामदेव ने अब शुरू किया है खुल कर उसका ऐलान दिग्विजय सिंह बहुत पहले से करते आ रहे थे.