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'छोटे उद्यमों को विकसित करें ब्रिक्स देश'

दक्षिण अफ्रीका समेत ब्रिक्स के बाकी देशों को बेरोजगारी की समस्या से निजात पाने के लिए छोटे और मझोले उद्योगों का विकास करना चाहिए. यह बात दक्षिण अफ्रीका में भारतीय उच्चायुक्त विरेन्द्र गुप्ता ने कही. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक गुप्ता ने कहा, 'नए रोजगार के सृजन के लिए छोटे और मझोले उद्योगों से ज्यादा कारगर कुछ और नहीं हो सकता.'

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ब्रिक्स देश
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दक्षिण अफ्रीका समेत ब्रिक्स के बाकी देशों को बेरोजगारी की समस्या से निजात पाने के लिए छोटे और मझोले उद्योगों का विकास करना चाहिए. यह बात दक्षिण अफ्रीका में भारतीय उच्चायुक्त विरेन्द्र गुप्ता ने कही. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक गुप्ता ने कहा, 'नए रोजगार के सृजन के लिए छोटे और मझोले उद्योगों से ज्यादा कारगर कुछ और नहीं हो सकता.'

ब्रिक्स समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.

गुप्ता ने कहा कि भारत को छोटे और मझोले कारोबार के विकास पर संसाधन खर्च करने का काफी लाभ मिला है.

उन्होंने कहा, 'छोटे और मझोले उद्योग हमारे औद्योगिक उत्पादन में 50 फीसदी का योगदान देते हैं और निर्यात में इनकी भागीदारी 50 से 60 फीसदी के बीच है. इसके अलावा सकल घरेलू उत्पाद और औद्योगिक तथा विनिर्माण गतिविधियों में भी इनकी खासी भागीदारी है.'

उच्चायुक्त ने कहा कि भारत इन उद्योगों को स्थापित करने का अपना अनुभव ब्रिक्स देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है.

गुप्ता ने कहा कि इस साल दक्षिण अफ्रीका अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में भारत की लगभग 70 कंपनियां भाग लेंगी. मेला 15 से 17 जुलाई को जोहांसबर्ग के निकट आयोजित होगा.

भारतीय उच्चायुक्त ने उम्मीद जताई कि मेला से भारत का संबंध दक्षिण अफ्रीका और अन्य ब्रिक्स देशों के साथ बेहतर होगा और खास तौर से छोटे और मझोले उद्यम क्षेत्र में यह सहयोग बेहतर होगा.

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