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BMC चुनाव: शिवसेना-बीजेपी ने लहराया परचम

बीएमसी चुनाव का नतीजा आने के बाद यह साफ हो गया है कि शिवसेना मुंबई में अपना वजूद बचाने में कामयाब रही. बीएमसी चुनाव में बीजेपी-शिवसेना सबसे बड़े गठबंधन के रूप में उभरी है.

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शिवसेना-बीजेपी ने लहराया परचम
शिवसेना-बीजेपी ने लहराया परचम

बीएमसी चुनाव का नतीजा आने के बाद यह साफ हो गया है कि शिवसेना मुंबई में अपना वजूद बचाने में कामयाब रही. बीएमसी चुनाव में बीजेपी-शिवसेना सबसे बड़े गठबंधन के रूप में उभरी है.

दूसरी ओर सत्ता विरोधी लहर का दावा करने वाला कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन कोई कमाल नहीं कर पाया. एमएनएस जरूर अपनी मौजूदगी दिखाने में कामयाब रही.

सारी अटकलों को झुठलाते हुए शिवसेना एक बार फिर बीएमसी की सत्ता पर काबिज होने जा रही है. 227 सीटों वाली बीएमसी में शिवसेना और बीजेपी गठबंधन को 107 सीटें मिली हैं. इसमें शिवसेना का हिस्सा 77 सीटों का है, जबकि बीजेपी ने 30 सीटें जीती हैं.

पहली बार बीएमसी में साथ चुनाव लड़कर भी कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन 65 सीटों से आगे नहीं बढ़ पाया. कांग्रेस ने 51 और एनसीपी ने 14 सीटें जीतीं. एमएनएस ने 29 सीटें जीतीं, जबकि अन्य के हिस्से 26 सीटें रहीं.

शिवसेना-बीजेपी खेमे में जश्न है, तो कांग्रेस खेमे में मातम पसरा हुआ है. मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के लिए खासतौर पर ये नतीजे बड़े धक्के के रूप में आया है, जिन्होंने दावा किया था कि 16 फरवरी के बाद मुंबई से शिवसेना का वजूद खत्म हो जाएगा, लेकिन नतीजे के बाद अब कांग्रेस ने हार मान ली है.

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बीएमसी चुनाव में तीसरा फैक्टर थे राज ठाकरे. हालांकि उन्होंने किंगमेकर की बजाय किंग बनने का दावा किया था, लेकिन वो ना तो किंग बन पाए ना किंगमेकर. लेकिन, 29 सीटें जीतकर उन्होंने अपनी ताकत का इजहार जरूर कर दिया. इन 29 सीटों की वजह से शिवसेना-बीजेपी गठबंधन बहुमत के जादुई आंकड़े से दूर रह गई.

हालांकि, सबसे बड़े गठबंधन के रूप में उभरकर भी बहुमत के आंकड़े से बीजेपी-शिवसेना बहुमत के आंकड़े से 7 सीट पीछे रह गई, लेकिन ये फासला इतना बड़ा नहीं कि पाटा न जा सके. नतीजे से साफ है कि शिवसेना अपने गढ़ में वजूद बचाने में कामयाब रही है. एक तरह से मुंबई ने शिवसेना को नया जीवनदान दे दिया है.

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