एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल पर उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये हड़ताल गैरकानूनी और गैरजरूरी है. अजित सिंह ने कहा कि पायलटों को पहले नोटिस देना चाहिए था औऱ बातचीत करनी चाहिए थी उसके बाद ऐसा कदम उठाना के बारे में सोचना चाहिए था.
अजित सिंह ने कहा कि इससे एयर इंडिया की छवि को नुकसान पहुंचेगा. अभी तक दिल्ली और मुंबई से कुल 4 अंतरराष्ट्रीय उड़ाने रद्द हो चुकी हैं, जबकि करीब कुल 80 उड़ानों पर असर पड़ने की संभावना है.
इससे पहले प्रबंधन से नाराज एयर इंडिया के सौ से ज्यादा पायलट छुट्टी पर जा चुके हैं. पायलट एसोसिएशन का दावा है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो छुट्टी पर जाने वाले पायलटों की संख्या 300 पार कर सकती है.
अगर आंकड़ा तीन सौ तक पहुंचता है तो एयर इंडिया की 80 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो सकती हैं या फिर उन्हें रिशेड्यूल करना पड़ सकता है. इनमें 24 घरेलू और 38 अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने होंगी. पायलटों की नारजगी प्रबंधन से है, सोमवार को बातचीत का दौर नाकाम रहा.
सूत्रों से पता चला है कि इंडियन पायलट गिल्ड इस बात से नाराज हैं कि पिछले दो तीन दिनों में एयर इंडिया प्रबंधन ने जिन मांगों पर हामी भरी थी अब वो उससे पीछे हट गए हैं.
ऐसे में पायलटों का दावा है कि उनके पास आंदोलन तेज करने के आलावा और कोई चारा नहीं था. दरअसल पायलट बोइंग 787 ड्रीमलाइनर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में बदलाव को लेकर अपना विरोध जता रहे थे.
अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग से पहला ड्रीमलाइनर इसी महीने मिलने वाला है. बताया जा रहा है कि सोमवार को हुई बैठक के दौरान, प्रबंधन ने पायलटों को समझाने की कोशिश की थी कि ऐसे समय में हड़ताल पर जाने का कोई तुक नहीं जब सरकार ने एयर इंडिया के लिए बेलआउट पैकेज घोषित किया है, हांलाकि पायलट गिल्ड़ ने प्रबंधन की दलील को खारिज करते हुए साफ कर दिया कि आंदोलन के लिए उन्हें पूरी छूट है.