क्या मुंबई में बिल्डर की बदमाशी लोगों को जान देने के लिए मजबूर कर रही है? मुंबई में बीती रात हुई एक दहलाने वाली घटना के बाद ये सवाल उठ रहे हैं. अंधेरी इलाके में रहने वाले एक शख्स ने पहले खुद को आग के हवाले किया और फिर तीन बच्चों को भी आग में लपेट लिया. गुरुवार सुबह अस्पताल में पिता और 2 बच्चों की मौत हो गई.
मुंबई के अंधेरी इलाके में यूसुफ नाम का शख्स किराए के घर में अपने 3 छोटे-छोटे बच्चों के साथ रह रहा था, लेकिन बीती रात उसने जिंदगी की मुश्किलों के आगे घुटने टेक दिये. रात करीब 9 बजे के आसपास जब लोग सोने की तैयारी कर रहे थे, यूसुफ ने खुद को आग लगा ली और फिर अपने 3 छोटे छोटे बच्चों को भी जलती चिता में खींच लिया.
आग लगते ही हो-हल्ला हुआ, तो पड़ोसी भागते हुए आए, तो देखा कि चार-चार लोग एक साथ जिंदा जल रहे हैं. किसी तरह पड़ोसियों ने आग बुझाई और सबको नजदीक के कूपर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन गुरुवार सुबह अस्पताल में पिता और 2 बच्चों ने दम तोड़ दिया.
सवाल है यूसुफ पर ऐसी क्या आफत थी कि उसने खुद को और अपने 3 मासूम बच्चों को भी मौत के मुंह में धकेल दिया. स्थानीय लोगों की मानें तो यूसुफ एक स्थानीय बिल्डर से परेशान था. वह मकान को लेकर मानसिक तनाव में था. तनाव के बीच आर्थिक तंगी जब बर्दाश्त के बाहर हो गई, तब यूसुफ ने 3 बच्चों के साथ खुद के लिए मौत की चिता तैयार कर ली. पुलिस का कहना है कि केस में अभी बिल्डर का कोई एंगल नहीं दिख रहा है.
पूरे मुंबई में राज्य सरकार की एसआरए स्कीम के तहत तमाम झोपड़पट्टियों में रहने वाले लोगों के घरों को तोड़ कर मुफ्त में फ्लैट दिया जाना है, लेकिन हो यह रहा है कि लोगों के पास वैध घर का कागजात होने के बाद भी बिल्डर न तो घर दे रहा है और न ही मकान तोड़ने के बाद किराया. आशंका है कि यूसुफ भी शायद बिल्डर की कुछ इसी तरह की धोखाधड़ी का शिकार हुआ.