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हरी से गुलाबी हो गई झील, वैज्ञानिकों ने सैंपल लेकर कही ये बड़ी बात

हरी से गुलाबी हो गई झील, वैज्ञानिकों ने सैंपल लेकर कही ये बड़ी बात
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पिछले कुछ दिनों से जहां आम जनता के बीच लोणार झील के पानी के बदले रंग को लेकर चर्चा है तो वहीं भारत के वैज्ञानिकों में भी इस राज को जानने की उत्सुकता दिखाई दे रही है.
हरी से गुलाबी हो गई झील, वैज्ञानिकों ने सैंपल लेकर कही ये बड़ी बात
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महाराष्ट्र के बुलढाणा ज़िले के लोणार शहर में स्थित दुनिया भर में मशहूर लोणार झील पिछले कुछ दिनों से दोबारा सुर्खियों में आई है. सुर्खियों में आने की वजह इस झील के पानी का बदला रंग है.
हरी से गुलाबी हो गई झील, वैज्ञानिकों ने सैंपल लेकर कही ये बड़ी बात
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हमेशा इस झील का पानी हरा और नीला दिखाई देता था लेकिन पिछले कुछ दिनों से झील के पानी का रंग लाल और गुलाबी दिखाई दे रहा है.

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पानी के बदले रंग की जांच करने कर लिए सरकार की अधिकृत संस्था नीरी (नेशनल एन्वायरमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट) की टीम सोमवार को लोणार झील में उतरी.
हरी से गुलाबी हो गई झील, वैज्ञानिकों ने सैंपल लेकर कही ये बड़ी बात
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टीम ने झील के अलग-अलग भागों से पानी के 6 सैंपल लिए. झील के चार कोनों से एक-एक सैंपल और झील के बीच में दो जगह से सैंपल लिए.

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इस कुदरती नजारे को देखने के लिए हर उम्र के लोग आ रहे हैं. सरकार के बार-बार कहने के बाद भी सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उड़ाते लोग यहां दिखाई दिए. झील को देखने आए लोगों ने भी बदले पानी रंग के प्रति अपनी राय रखते हुए पानी की जांच होने की बात कही.
हरी से गुलाबी हो गई झील, वैज्ञानिकों ने सैंपल लेकर कही ये बड़ी बात
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इस बारे में नीरी के वैज्ञानिक डॉ. गजानन के. खडसे ने बताया कि यह झील उल्कापात की वजह से बनी है. इस झील की क्षारता 15 हजार से 16 हजार पीपीएम है. ऐसी क्षारता में बाकी के पर्यावरण के घटक जुड़ जाते हैं तो उसके बाद यहां के पानी में मौजूद हैलोबैक्टीरिया और ऐसे ही अन्य घटकों में जो पिगमेंटेशन होता है, वह थोड़ा पिंक कलर का होता है. इसलिए झील का पानी संभवत: गुलाबी हो गया है. इस झील के गुलाबी होने का बिल्कुल सही कारण तो जो सैंपल लिए हैं, उनकी जांच के बाद ही पता लग पाएगा. 
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