मशहूर सीरियल क्राइम पेट्रोल की अभिनेत्री ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. वह सोनी टीवी और कलर्स जैसे बड़े चैनल के कई प्रोग्राम में काम कर चुकी थीं. मरने से पहले उनका आखिरी वॉट्सऐप स्टेटस था, 'सबसे बुरा होता है सपनों का मर जाना.'
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इंदौर के बजरंग नगर में देर रात टीवी एक्ट्रेस प्रेक्षा मेहता ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. वह मुंबई में टीवी सीरियल में काम करती थीं. क्राइम पेट्रोल के भी कई प्रोग्राम में उन्होंने अभिनय किया था.
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एक्ट्रेस के पिता के मुताबिक, लॉकडाउन होने पर वह घर आ गई थी. मुंबई में जिस तरह कोरोना का संकट लॉकडाउन बढ़ता जा रहा है, उससे उसे लगा कि लंबे समय तक काम नहीं मिलेगा, जिसके चलते डिप्रेशन में आकर यह कदम उठाया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि लॉकडाउन में काम नहीं होने की वजह से उसने आत्महत्या की है. परिवार के लोग ऐसी आशंका जता रहे हैं.
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फिलहाल इंदौर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी और ये पता लगाने का
प्रयास करने में जुट गई कि आखिर मौत की वजह सिर्फ एक कलाकार का करियर का
सपना टूटने का डर था या पर्दे के पीछे कोई और राज छिपा हुआ है. हालांकि
जांच के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी.
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लॉकडाउन की वजह से अभिनेत्री प्रेक्षा मेहता जैसी कई
लड़कियां हैं, जिन्हें काम की चिंता है.
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यही वजह है प्रेक्षा ने वाॅट्सऐप पर
जो अपना लास्ट स्टेटस डाला, उसमें काले बैकग्राउंड में सिर्फ वह शब्द लिखे
थे जो उस समय की मनोदशा दिखाते लग रहे हैं. उसमें लिखा था कि सबसे बुरा
होता है सपनों का मर जाना.
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बता
दें कि थिएटर में प्रेक्षा की शुरुआत अभिजीत वाडकर, संतोष रेगे और
नगेंद्र सिंह राठौर के नाट्य ग्रुप ‘ड्रामा फैक्टरी’ से हुई थी. मंटो का
लिखा नाटक ‘खोल दो’ उनका पहला प्ले था.
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इसमें
मिले जबरदस्त रिस्पांस के बाद उन्होंने ‘खूबसूरत बहू, बूंदें, राक्षस,
प्रतिबिंब, पार्टनर्स, हां, थ्रिल, अधूरी औरत’ जैसे नाटकों में काम किया.
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उन्हें अभिनय के लिए भी तीन राष्ट्रीय नाट्य उत्सवों में फर्स्ट प्राइज
मिला था. एकल नाट्य ‘सड़क के किनारे” में जानदार अभिनय के लिए भी उन्होंने
अवॉर्ड जीता था.