आपने अक्सर कुछ छोटे-छोटे पक्षियों को एक समूह में लयबद्ध तरीके से उड़ते और आकृतियां बनाते देखा होगा. ये किसी भी तरह की आकृतियां बनाती हैं. इन्हें स्टार्लिंग्स (Starlings) कहते हैं. हाल ही में आयरलैंड में इन्हीं छोटे काले-भूरे रंग के पक्षियों ने एक बड़े विशालकाय पक्षी की आकृति बनाई. इस मौके पर मौजूद फोटोग्राफर ने इसकी शानदार तस्वीर ले ली. इसे देख ऐसा लग रहा है कि 'पक्षीराज' खुद उड़ रहे हों. आइए जानते हैं कि आखिर स्टार्लिंग्स ऐसी आकृतियां क्यों बनाती हैं? (फोटोः जेम्स क्रोम्बी)
स्टार्लिंग्स (Starlings) की इन आकृतियों से भुनभुनाहट की आवाज आती है. इसलिए इन आकृतियों को स्टार्लिंग्स मरमरेशन (Starlings Murmuration) कहते हैं. इन पक्षियों की खास बात यही है कि ये जब उड़ते हैं तो एकसाथ उड़ते हुए कई आकारों की आकृतियां बनाते हैं. भारत में स्टार्लिंग्स को मैना (Mynas) कहा जाता है. लेकिन अलग-अलग देशों में इनके अलग नाम हैं. (फोटोः गेटी)
'पक्षीराज' जैसी आकृति को फोटोग्राफर जेम्स क्रोम्बी (James Crombie) ने आयरलैंड के मलिंगर इलाके में स्थित लोघ इनेल झील के ऊपर ये तस्वीर ली. एक बेहतरीन तस्वीर लेने के लिए उन्हें 50 बार इस जगह पर आना पड़ा. तब जाकर यह तस्वीर मिली. (फोटोःगेटी)
This amazing photograph by @INPHOjames shows a murmuration of thousands of starlings appearing like a single giant creature https://t.co/RA9MkALYm3 pic.twitter.com/x6Y2zk7utS
— New Scientist (@newscientist) March 22, 2021
स्टार्लिंग्स (Starlings) ऐसी आकृतियां अपने शिकार को बेवकूफ बनाने के लिए बनाती हैं. ताकि शिकार को ये लगे कि कोई बहुत बड़ा जीव आसमान से आ रहा है. आमतौर पर इन पक्षियों का शिकार चील, बाज जैसे मांसाहारी बड़े पक्षी करते हैं. यहां पर स्टार्लिंग्स (Starlings) एकता दिखाती हैं. वो एकसाथ उड़ते हुए तेज आवाज निकालती हैं और साथ ही आकृतियां भी बनाती हैं. ताकि शिकारी खुद डर जाए. (फोटोःगेटी)
इस ग्रुप की खास बात ये होती है कि इनमें कोई लीडर नहीं होता. ये सारे एकसाथ उड़ते हैं अपने पड़ोसी पक्षी की उड़ान के मुताबिक. इसलिए कभी भी स्टार्लिंग्स (Starlings) का छोटा समूह नहीं होता. इनमें एकसाथ सात-आठ या उससे ज्यादा समूह होते हैं. हर समूह में हजारों की संख्या में स्टार्लिंग्स होते हैं. (फोटोःगेटी)
हर स्टार्लिंग्स (Starlings) का मूवमेंट बेहद छोटा और तेज होता है इसलिए आसमान में दिखने वाली आकृतियां फटाफट बदलती रहती हैं. हालांकि वैज्ञानिक अभी तक यह नहीं पता कर पाए है कि इतनी तेजी से जब आकृतियां बदलते हुए उड़ती हैं तो इनकी लयबद्धता कैसे बनी रहती है? यह एक रहस्य ही है. (फोटोःगेटी)
हालांकि कुछ पक्षी विशेषज्ञों का मानना है कि जब समूह में से कोई एक छोटा हिस्सा किसी तरफ घूमता है तब बाकी के पक्षी उसी तरफ एक लहर की तरह चल देते हैं. ये तात्कालिक सामूहिक निर्णय होता है. स्टार्लिंग्स (Starlings) के पंजे काफी मजबूत होते हैं. उनकी उड़ान भी काफी मजबूत और सीधी होती है, अगर उन्हें एक ही दिशा में जाना हो तो. (फोटोःगेटी)
स्टार्लिंग्स (Starlings) की एक खास बात ये भी होती है कि ये आवाजों की नकल कर सकती है. दुनिया में मौजूद स्टार्लिंग्स (Starlings) की अलग-अलग प्रजातियां अपने इलाकों में सुनने वाली 15 से 20 आवाजों की नकल कर लेती हैं. यानी ये पक्षियों की मिमिक्री आर्टिस्ट होती हैं. आमतौर पर ये उसी देश में सुनी स्थानीय आवाजों की नकल करती हैं, जहां ये रहती हैं. (फोटोःगेटी)
स्टार्लिंग्स (Starlings) के बारे में पहली बार 1815 में फ्रांसीसी पक्षी विशेषज्ञ कॉन्सटेटाइन सैम्युल रैफाइन ने बताया था. इस समय इन पक्षियों के करीब 30 से ज्यादा प्रताजियां है. रंग-आकार में अलग हो सकती हैं. लेकिन आकृतियां बनाने और आवाज की नकल करने की कला हर स्टार्लिंग्स (Starlings) में होती है. (फोटोःगेटी)