अफगानिस्तान में एनिकास रेडियो और टीवी चैनल पिछले चार महीनों में अपनी चार महिला कर्मचारियों को आतंकी हमलों में खो चुका है. यूएन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो सालों में इस देश में 65 पत्रकारों और एक्टिविस्ट्स को आतंकियों के हमले में मारे गए हैं. अफगान जर्नलिस्ट्स सेफ्टी कमिटी की रिपोर्ट के अनुसार, इस देश में साल 2020 में 14 महिला मीडिया वर्कर्स पर हमले हुए हैं.
इन हमलों को देखते हुए अब एनिकास रेडियो और टीवी चैनल ने महिला कर्मचारियों को काम पर ना रखने का फैसला किया है. वाइस वर्ल्ड न्यूज के साथ बातचीत में इस मीडिया आउटलेट के डायरेक्टर जल्माए लतीफी ने कहा कि हमारी कंपनी में 10 महिला कर्मचारी काम करती हैं जिनमें से हम 4 महिलाओं को आतंकी हमलों में खो चुके हैं. चूंकि इन कर्मचारियों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है इसलिए हमने बाकी महिलाओं को ऑफिस ना आने के लिए कहा है और वे अब घर से ही काम कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी हमारी कंपनी पर तीन बार हमले हो चुके हैं. सबसे पहले एक रॉकेट अटैक हमारे स्टेशन पर हुआ था. इसके बाद उन्होंने मुझे किडनैप कर लिया था और मेरा ड्राइवर इस हमले में मारा गया था. मुझे चार महीनों तक बंदी बनाया गया था. इसके अलावा हमारे स्टेशन पर हैंड ग्रेनेड भी गिराया जा चुका है.
लतीफी ने कहा कि पूर्वी अफगानिस्तान में माहौल काफी कट्टरपंथी है. इसलिए महिलाओं के मीडिया संस्थान से जुड़ने को लेकर जबरदस्त विवाद देखने को मिला है. लेकिन हमने इन महिलाओं में इंवेस्ट किया था. हमें काफी मुश्किल से ऐसी बहादुर महिलाएं मिल पाई थीं जो काम करना चाहती थीं. हमने उन्हें एंकरिंग और प्रोडक्शन का काम सिखाया था. लेकिन इन हमलों ने हमें तगड़ा झटका दिया है. इन महिलाओं की जगह भरना बेहद मुश्किल काम होगा.
लतीफी ने आगे कहा कि हमारी कंपनी का फीमेल सेक्शन पूरी तरह से बंद हो चुका है. हमने महिला केंद्रित कार्यक्रमों को भी बंद कर दिया है. हमने कई एंटरटेनमेन्ट प्रोग्राम्स को भी होल्ड पर रखा हुआ है. इसके अलावा हमारा डबिंग सेक्शन का भी काम ठप पड़ा हुआ है क्योंकि इस सेक्शन में भी कई महिलाएं काम करती थीं. हमारी कंपनी को इन हमलों से जबरदस्त नुकसान पहुंचा है.