जानकारी के मुताबिक, पंचायत की अध्यक्ष एच कालीश्वरी भी इस मुहिम का हिस्सा बन गईं. हालांकि, गांव के कुछ लोगों ने इस फैसले का विरोध भी किया. उन्होंने पक्षी और अंडे के लिए गांव को अंधेरे में रखने को मूर्खतापूर्ण बताया. बाद में, गांव वालों ने इस मामले को लेकर बैठक की और लाइट बंद रखने पर सभी की सहमति बनी.