विजया दशमी के शुभ मौके पर दिल्ली से लेकर कोलकाता तक 'सिंदूर खेला' के साथ माता को विदाई दी गई. महिलओं ने एक दूसरे के गालों पर सिंदूर लगाकर विजया दशमी मनाया और अगले साल फिर से मां से आने की प्रार्थना की. (Photo - PTI)
नवरात्र के अंतिम दिन विजया दशमी को माता दुर्गा को विदाई दी जाती है. इस मौके पर महिलाएं सिंदूर खेला का आयोजन करती हैं. यह संस्कृति मूल रूप से बंगाल की है. लेकिन, दिल्ली से लेकर कोलकाता तक कई शहरों में विजया दशमी के दिन सिंदूर खेला का आयोजन होता है. (Photo - PTI)
पूजा पंडालों में जब माता दुर्गा की प्रतिमाएं विसर्जन के लिए निकलती है, तो महिलाएं नाचते-गाते एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं. दिल्ली के सीआर पार्क, प्रयागराज सहित कई शहरों के पूजा पंडालों में सिंदूर खेला का सुंदर नजारा देखने को मिला. (Photo - PTI)
बंगाल में सिंदूर खेला का काफी महत्व है. अब वहां की यह संस्कृति बंगाल से निकलकर पूरे देश में फैल चुकी है. जहां भी बंगाली समुदाय के लोग दुर्गा पूजा मनाते हैं. वहां विजया दशमी के दिन सिंदूर खेला का आयोजन किया जाता है. (Photo - PTI)
माता दुर्गा की प्रतिमा के सामने शंख ध्वनि के साथ एक दूसरे को सिंदूर लगाती महिला झूमते-गाते और नाचते मां को विदाई देती हैं. विजया दशमी पर ऐसे नजारे देश के विभिन्न शहरों में आम हो गए हैं. (Photo - PTI)
आज कई पूजा पंडालों में सिंदूर से रंगी महिलाएं एक दूसरे के गालों पर सिंदूर लगाकर अपनी खुशियों का इजहार करती नजर आईं. इसके साथ ही नम आंखों के साथ मां को विदाई दी गई. (Photo - PTI)
सिंदूर खेला के दौरान महिलाएं अलग-अलग पोज में एक दूसरे की तस्वीर उतारते दिखीं. रंग-बिरंगी साड़ियों में महिलाओं ने जमकर सिंदूर खेला किया और धूम-धाम से विजया दशमी मनाया. दिल्ली के सीआर पार्क में सैकड़ों महिलाएं सिंदूर खेला में शामिल होने पहुंची थीं (Photo- ITG/संजय कुमार)
विजया दशमी के मौके पर सीआर पार्क का नजारा ही अलग दिखा. विजया दशमी के अवसर पर पूरा पार्क लाल सिंदूर में सराबोर नजर आ रहा था. पारंपरिक बंगाली साड़ियों में चेहरे पर सिंदूर लगाए महिलाएं मां दुर्गा की विदाई के अवसर पर नाचते-गाते दिखीं. (Photo- ITG/संजय कुमार)
विजया दशमी पर सीआर पार्क में हजारों महिलाओं ने माता दुर्गा को सिंदूर खेला के साथ खुशी-खुशी विदाई दी. (Photo- ITG/संजय कुमार)