फोर्ब्स ने हाल ही में इस पर एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलेस, मियामी और मोनाको जैसे बड़े शहरों की हाई-प्रोफाइल पार्टियों की हकीकत सामने रखी गई.
'सीक्रेट वर्ल्ड' की सच्चाई को अपनी किताब 'वेरी इम्पॉर्टेंट पीपल' में उजागर किया. उन्होंने बताया कि ऐसी हाई-प्रोफाइल पार्टियों में 16 से 25 साल की युवा, पतली और कम से कम 5 फुट 9 इंच लंबी लड़कियों को खासतौर पर बुलाया जाता है. इन लड़कियों को क्लब्स और पार्टियों की शोभा बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया जाता है.
ऐशली के अनुसार, ये पार्टियां पूरी तरह से गोपनीय होती हैं. इनमें शामिल लोगों को किसी भी तरह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करने की सख्त मनाही होती है. इतना ही नहीं, मीडिया के कैमरों को इन पार्टियों तक पहुंचने की इजाजत ही नहीं दी जाती.
अक्सर ऐसी पार्टियों में कम अमीर लोग सुपर रिच को प्रभावित करने के लिए वीआईपी टेबल और शैंपेन पर करोड़ों खर्च कर देते हैं. इस प्रवृत्ति का लाभ उठाने के लिए एक पूरी इंडस्ट्री सक्रिय है, जहां प्रमोटर्स से लेकर शैंपेन कंपनियां तक, इस मनोवृत्ति को अपने फायदे के लिए भुनाती हैं.
किताब में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन हाई-प्रोफाइल पार्टियों में करोड़पति और अरबपति एक ही रात में 1 लाख डॉलर (करीब 80 लाख रुपये) से लेकर 1 मिलियन डॉलर (करीब 8 करोड़ रुपये) तक खर्च कर देते हैं.
ऐशली ने बताया कि कैसे ये पार्टियां दिखने में भव्य लेकिन अंदर से खाली लगती हैं. बड़े-बड़े क्लबों में 'गर्ल्स' को सजावट की तरह इस्तेमाल किया जाता है. कोई भी देखकर ये समझ जाए कि ऐसी पार्टियों में आम इंसान या किसी महिला को बस ऑब्जेक्ट के नजरिये से देखा जाता है