84 साल के कबुगा के सिर पर 36 करोड़ रुपये का ईनाम रखा गया था. उसने नरसंहार के दौरान रवांडा के हुतु चरमपंथियों को हथियार मुहैया कराए थे. 1994 में रवांडा में तीन महीने से अधिक वक्त तक भीषण कत्लेआम चला था. ऐसा समझा जा रहा है कि कबुगा फ्रांस में पेरिस के पास 3 से 4 साल से अपने बच्चों के साथ रह रहा था.
नरसंहार के कई साल बाद रवांडा में खुदाई अभियान चलाए गए थे. इस फोटो में ऐसी ही एक खुदाई के बाद मिले अवशेष को महिला सुखाती दिख रही है.