डॉक्टर द्विवेदी ने बताया कि चांदी के ये पांच सिक्के नंदा, जया, भद्रा, रिक्ता और पूर्णा के प्रतीक होंगे. उन्होंने कहा कि ताम्र कलश में पांच नदियों का पवित्र जल भरा जाएगा, जिसका उपयोग अनुष्ठान के लिए किया जाएगा. साथ ही पाताल लोक के मालिक और पृथ्वी को अपने फन पर धारण करने वाले शेषनाग की प्रतिकृति भी नींव में डाली जाएगी.