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लॉकडाउन के चलते प्रीमैच्योर डिलीवरी में भारी कमी, डॉक्टर भी हैरान

लॉकडाउन के चलते प्रीमैच्योर डिलीवरी में भारी कमी, डॉक्टर भी हैरान
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कोरोना वायरस से पूरी दुनिया परेशान है लेकिन इसकी वजह से लगाए गए लॉकडाउन से कुछ फायदे भी दुनिया ने देखे हैं. अब एक और बड़ा फायदा ये सामने आ रहा है कि कई देशों में शिशुओं के प्रीमैच्योर बर्थ (समय से पहले जन्म) की दर में तेजी से कमी आई है. इस बदलाव से दुनिया भर के डॉक्टर्स बहुत खुश हैं. साथ ही अब इस पैटर्न पर रिसर्च की तैयारी शुरू हो रही है. (फोटोः रॉयटर्स)
लॉकडाउन के चलते प्रीमैच्योर डिलीवरी में भारी कमी, डॉक्टर भी हैरान
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न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, आयरलैंड, डेनमार्क, नीदरलैंड्स, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों के अस्पतालों में नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट्स में प्रीमैच्योर बर्थ वाले मामलों में तेजी से कमी आई है. प्रीमैच्योर बर्थ को लेकर होने वाली समस्याओं में भी भारी गिरावट देखी गई है. (फोटोः रॉयटर्स)
लॉकडाउन के चलते प्रीमैच्योर डिलीवरी में भारी कमी, डॉक्टर भी हैरान
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डॉक्टर्स अभी तक ये नहीं समझ पाए हैं कि आखिर ऐसा हुआ क्यों है? इस पर रिसर्च करने की तैयारी चल रही है. लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि लॉकडाउन में गर्भवती महिलाओं को आराम करने को खूब मिल रहा है. साथ ही प्रदूषण का स्तर कम है. इसके अलावा बाहर का खाना-पीना बंद है. घरेलू काम भी कर रही है. इसकी वजह से प्रीमेच्योर बर्थ में कमी आई है. (फोटोः गेटी)
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अटलांटा के एमोरी यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन की डॉ. डेनिस जैमीसन ने बताया कि ये एक अद्भुत घटना है. अमेरिका में हर दस में एक बच्चा प्रीमैच्योर पैदा होता है. आमतौर पर कोई भी प्रेगनेंसी 40 हफ्ते की होती है. लेकिन डिलीवरी अगर 37 हफ्ते से पहले हो जाए तो उसे प्रीमैच्योर कहते हैं. (फोटोः गेटी)
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आयरलैंड के डॉ. रॉय फिलिप ने कहा कि 12 मार्च के बाद से लगे लॉकडाउन की वजह से मेरे अस्पताल में प्रीमैच्योर बर्थ के मामले बेहद कम हो गए. मैं जब मार्च के अंत में अस्पताल गया तो मुझे इसकी रिपोर्ट मिली. पता चला कि सभी बच्चे सही समय पर पैदा हो रहे हैं. (फोटोः गेटी)
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डॉ. रॉय फिलिप ने बताया कि पिछले 2 दशक से प्रति हजार बच्चों पर तीन बच्चे 2.2 पाउंड वजन के पैदा हो रहे थे. यानी कमजोर और प्रीमैच्योर. लेकिन इस साल मार्च से अब तक एक भी बच्चा इस वजन ग्रुप में पैदा ही नहीं हुआ. सारे बच्चे ज्यादा वजन के साथ पैदा हुए हैं. पिछले दो दशकों के बाद ऐसा अद्भुत नजारा देखने को मिला है. ये सब लॉकडाउन की वजह से है. (फोटोः गेटी)
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आयरलैंड में लॉकडाउन के दौरान प्रीमैच्योर बर्थ (28 हफ्ते से पहले का जन्म) में 90 प्रतिशत की गिरावट आई है. यही खबर अल्बर्टा के कैलगेरी से आई है. वहां के डॉक्टर बेलाल-अल-शेख कहते हैं कि लगभग पूरे यूरोप में ये घटना घट रही है. बच्चे स्वस्थ पैदा हो रहे हैं. प्रीमैच्योर बर्थ में कमी आई है. (फोटोः रॉयटर्स)
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ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित मर्सी हॉस्पिटल में डॉ. डैन कासालाज अब इस बात पर रिसर्च करने जा रहे हैं कि आखिर लॉकडाउन में ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से प्रीमैच्योर बर्थ में कमी आई है. (फोटोः रॉयटर्स)
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अमेरिका के नैशविले में स्थित वैंडरबिल्ट चिल़्ड्रेन हॉस्पिटल के डॉ. स्टीफन पैट्रिक कहते हैं कि लॉकडाउन की वजह से प्रीमैच्योर बर्थ में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई है. ऐसा लगता है कि लॉकडाउन में आराम करने से, प्रदूषण से दूर रहने की वजह से गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ मिला है. (फोटोः रॉयटर्स)
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