देश में चाइल्ड और रिवेंज पोर्नोग्राफी के लगातार बढ़ने की वजह से केंद्र सरकार इस पर आने वाले दिनों में कुछ सख्त कदम उठा सकती है. संसद के बजट सत्र में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बात के संकेत दिए और कहा कि पोर्नोग्राफी और अश्लीलता को रोकने के लिए केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिल कर काम कर रही है.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने आज सदन में सरकार से पूछा था कि क्या सरकार के पास कोई ऐसा तरीका या तकनीक है जिसके जरिए फेक न्यूज और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के प्रकाशन और प्रसारण को रोका जा सके. उन्होंने आगे पूछा, अगर ऐसी कोई तकनीक है तो अब तक कितने ऐसे मामले सामने आए हैं और कितने लोगों को ऐसे मामलों में सजा दी गई है.
सांसद कल्याण बनर्जी के इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इन चीजों को रोकने और खत्म करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश को इसका दुष्परिणाम समझना होगा तभी इस पर पूरी तरह रोक लग सकती है. रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''पोर्नोग्राफी विशेषकर चाइल्ड पोर्नोग्राफी एक गंभीर खतरा
है. हम इसे रोकने के लिए बहुत सारे उपाय कर रहे हैं. केंद्र सरकार, राज्य
सरकारें और राज्य पुलिस मिलकर इस पर अंकुश लगाने के लिए काम कर रही है."
रविशंकर प्रसाद ने सांसद बनर्जी के सवाल का जवाब देते हुए आगे कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी को प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग के मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है. पूरे देश को भी इस खतरे को समझने की आवश्यकता है. न सिर्फ पोर्न बल्कि देश में रिवेंज पोर्न भी तेजी से बढ़ रहा है. ये ऐसे मुद्दे हैं जिस पर समाज, देश, राजनीति और संसद को मिलकर काम करना होगा.
समाज पर पोर्नोग्राफी के लगातार बढ़ते खतरनाक प्रभाव को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को भी सरकार से इसे प्रसारित करने वाली वेबसाइटों पर पूरी तरह बैन लगाने की मांग की. उन्होंने चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर कहा कि आजकल लोग मोबाइल के जरिए क्या देख रहे हैं ये सभी को पता है. उन्होंने कहा कि समाज में बढ़ती पोर्नोग्राफी की वजह से ही छोटी बच्चियों से रेप, महिलाओं से यौन शोषण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. उन्होंने ऐसी वेबसाइटों पर पूर्ण पाबंदी लगाने के लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी भी लिखी है.
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, 'लोगों को कितना भी प्रशिक्षित कर दीजिए, कितना भी कानून बना दीजिए, कितना भी शिक्षित कर दीजिए लेकिन कुछ लोग समाज में ऐसे जरूर हैं जो पोर्नोग्राफी देखकर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ घिनौने अपराध को अंजाम देते हैं.
बता दें कि रिवेंज पोर्न हम वैसे अश्लील वीडियो को कहते हैं जो किसी युवक-युवती में संबंध टूटने के बाद उसके निजी पलों को उसका प्रेमी या प्रेमिका ही सार्वजनिक कर उससे बदला लेने की कोशिश करते हैं.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में प्रत्येक पांच में से एक व्यक्ति रिवेंज पोर्न का शिकार रहा है. यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है. आरएमआईटी यूनिवर्सिटी और मोनाश यूनिवर्सिटी के अध्ययन में कहा गया है- '4,200 से ज्यादा लोगों के एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण में पाया गया कि पुरुष और महिलाएं दोनों समान रूप से इस अपराध के लिए निशाना बनाए गए.'
रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में इस विषय पर किए गए पहले व्यापक अध्ययन में कहा गया है कि पुरुष अधिक अपराधी हो सकते हैं, जबकि महिलाओं को सुरक्षा का डर अधिक है. अध्ययनकर्ताओं ने कहा, 'पाया गया है कि यह अपराध पहले जितना सोचा गया था, उससे कहीं ज्यादा बड़ा है और पांच में से प्रत्येक एक प्रतिवादी की बिना सहमति के आपत्तिजनक तस्वीरें ली गईं.'
सोशल मीडिया फेसबुक को लगभग हर महीने 5 लाख रिपोर्ट सिर्फ रिवेंज पोर्न को लेकर मिलती है. इसी वजह से फेसबुक अपने ऐप्स पर रिवेंज पोर्न को रोकने और हटाने के लिए सालों से टूल पर काम कर रहा है, लेकिन कंपनी ऐसी तस्वीरों को शेयर करने की कोशिश करने वालों पर लगाम लगाने में नाकाम रही है.
बता दें कि कुछ साल पहले भारत सरकार ने पूरी दुनिया में चर्चित 500 से ज्यादा पोर्न वेबसाइटों को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया था लेकिन इन वेबसाइटों को चलाने वाली कंपनियों ने इसका तोड़ निकाल लिया और दूसरे डोमेन के जरिए उन्होंने लोगों तक पोर्न को फिर से पहुंचा दिया था.