पेसिफिक रिंग ऑफ फायर से सटे देश ‘ग्वाटेमाला’ में लंबे समय से सक्रिय ज्वालामुखी ‘वोल्कन डे फुगो’ या 'आग का ज्वालामुखी' में विस्फोट से कई लोग मारे गए हैं. वहीं इस दौरान एक घटना ने 'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय' की कहावत को सच साबित कर दिया.
एक तरफ जहां रविवार की शाम हुए इस ज्वालामुखी विस्फोट से अब तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. वहीं एक मासूम बच्ची घंटों तक ज्वालामुखी की आग की राख में डबी रहने के बाद जिंदा मिली.
ग्वाटेमाला का ज्वालामुखी फटने के बाद सैकड़ों परिवारों की जिंदगीभर का दर्द दे गया है. डेली मेल की खबर के अनुसार ग्वाटेमाला में ज्वालामुखी विस्फोट के बाद
इलाके में ज्वालामुखी की राख फैल गई थी.
इसकी चपेट में एक घर भी आ गया था,
जो पूरी तरह राख से ढक चुका था. वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पुलिस अफसर को इस घर में बच्ची जीवित दिखी.
हालांकि इस घर तक पहुंचना आसान नहीं था. पुलिस अफसर सीढ़ी के सहारे घर तक किसी तरह पहुंचा.
पुलिस अफसर ने बहादुरी दिखाते हुए उस बच्ची को घर से जिंदा निकालने में कामयाबी पाई. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में करिश्मे की बात यह थी कि पूरा घर राख से ढका था, लेकिन बच्ची के ऊपर थोड़ी सी भी राख नहीं पड़ी मिली और वह शानदार कपड़े पहने पुलिस अफसर की गोद में बाहर लाई गई. अापको बता दें कि नेपाल में आए भूकंप के दौरान भी एक बच्चा 22 घंटे बाद भी मलबे के नीचे दबा मिला था.
वहीं राष्ट्रीय आपदा संयोजक सर्गियो कैबानास ने बताया कि ग्वाटेमाला सिटी से करीब 44 किलोमीटर दूर कल ज्वालामुखी फटने की घटना के बाद कई लोग लापता हो गए.
फ्यूगो में यह साल का दूसरा धमाका है. आपको बता दें कि संपर्क ना हो पाने के कारण कई लोग अब तक लापता हैं.
कम रोशनी और खतरनाक स्थितियों की वजह से लापता और मृतकों के लिए खोज और
बचाव अभियान भी कुछ समय के लिए रोक दिए गए हैं. आसमान में राख फैल जाने के
कारण ग्वाटेमाला के हवाईअड्डे को भी बंद कर दिया गया है.
5.2 भूकंप के बाद यह ज्वालामुखी फट गया था. इससे निकले लावा के तापमान लगभग 1,300F (700C) था.
आपको बता दें कि धमाका इतना जोरदार था कि राख और लावा शहर के ऊपर फैलते हुए
8 किलोमीटर तक फैल गया. अफसरों की मानें तो 44 साल बाद फ्यूगो में ऐसा
ज्वालामुखी विस्फोट हुआ है. राष्ट्रपति जिमी मोरालेस ने विभागों के साथ मींटिग कर देश में आपातकाल लगा दिया है. लावे की बहती नदी ने आसपास के इलाकों में रहने वाले कई किसानों के घर और फसले बर्बाद कर दी हैं.
ज्वालामुखी से निकली राख और धुआं करीब 12,346 फीट तक उठते देखे गए. धमाके से तीन जगह अल रोडियो, अलोतेनांगो और सैन मिगुएल सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त हुए हैं. बचाव और राहत का कार्य जारी है.ग्वाटेमाला सरकार ने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर दी है. ग्वाटेमाला का 'वोल्कन डे फुगो' एक सबडक्शन क्षेत्र पर स्थित है, जहां कोकोज़ प्लेट केरेबियन प्लेट के नीचे हलचल करती रहती है, इसी हलचल के कारण ज्वालामुखी में लावा बनता रहता है और इसी वजह से ज्वालामुखी में समय-समय पर विस्फोट होते रहते हैं. इस बार का विस्फोट पिछले 40 सालों में हुए विस्फोटों में सबसे घातक बताया जा रहा है.