उत्तर कोरिया में अब कोरोना की गाइडलाइन्स तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. इन लोगों को स्पेशल क्रिमिनल कहा जाएगा और इनके लिए बंदी शिविर या डिटेंशन कैंप खोल दिए गए हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, इन हाई सिक्योरिटी कैंप्स को उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन ने ही खोलने की इजाजत दी थी. इन बंदी शिविरों के खुलने के बाद से यहां काफी लोगों को लाया जा रहा है और इन लोगों के साथ अमानवीय ढंग से बर्ताव किया जा रहा है.
नॉर्थ कोरिया वर्कर्स पार्टी ने एक नई पॉलिसी का निर्माण किया है जिनमें क्वारनटीन के नियमों को तोड़ने वालों को खास तरह का अपराधी कहा जाएगा और इन्हें पॉलिटिकल क्राइम का दोषी माना जाएगा. हालांकि नॉर्थ कोरिया लगातार दावा करता रहा है कि उनके देश में कोरोना मामले नहीं हैं. ह्वाचोन में इन 'स्पेशल क्रिमिनल्स' के लिए एक पॉलिटिकल कैंप बनाया गया है. (फोटो साभार: AFP)
इसे कैंप 17 कहा जाता है और मिनिस्ट्री ऑफ सोशल सिक्योरिटी ने इस कैंप को बनवाया है. एक लोकल सोर्स ने सन न्यूज को बताया कि इस कैंप की लोकेशन कोयले की खदान के पास स्थित है. ये इससे पहले ऐसे ही एक पॉलिटिकल डिटेंशन कैंप के लिए वर्क साइट हुआ करती थी. इसके अलावा भी कुछ कैंप बनाए गए हैं.
इस कैंप में लोगों को कड़ी यातनाएं दी जा रही हैं और उन्हें टॉर्चर किया जा रहा है. सोर्स के मुताबिक, अगर कोई शख्स रनिंग करते हुए बेहोश हो जाता है तो जितना समय ग्राउंड पर बेहोश होने में बिताया है उसका दस गुणा ज्यादा दौड़ना पड़ता है. इससे पहले दिसंबर में एक ही दिन 53 लोगों को इस कैंप में लाया गया था जिसमें से 6 लोगों की अगले दिन मौत हो गई थी.
गौरतलब है कि इससे पहले खबर आई थी कि इस वायरस से घबराए किम ने कोरोना के नियमों को तोड़ने वाले एक आदमी को पब्लिक के सामने ही गोली से मरवा दिया था ताकि लोगों में नॉर्थ कोरिया के सख्त कोरोना नियमों को लेकर खौफ पैदा हो सके. मेल ऑनलाइन के साथ बातचीत में एक सोर्स ने कहा था कि यहां लोगों का बॉर्डर पार के लोगों से भी काफी संपर्क है, खास तौर पर स्मगलिंग की वजह से भी काफी संक्रमण फैल रहा है. (फोटो साभार: AFP)