कोरोना की वजह से सबकी नींद उड़ी हुई है लेकिन ऐसे में कुछ लोग प्रतीकों के सहारे खुद को सकारात्मक रखने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा ही एक नजारा उत्तराखंड के नैनीताल में देने को मिला जहां नैनी झील में एक तीर की आकृति दिखाई दी तो वहां के निवासी इसे एक अच्छा संकेत मान रहे हैं.
देवभूमि उत्तराखंड में दो पहाड़ियों के बीच मौजूद नैनी झील के शीतल निर्मल जल की ये तस्वीर वैसे तो बारहों महीने सुकून और शांति देती है लेकिन झील के किनारे मौजूद इन्हीं पहाड़ियों की प्रतिछाया से पानी में बनता ये तीर का निशान मानो इस मुश्किल दौर में भी इंसान को उम्मीद की राह दिखा रहा है.
नैनीताल के लोग यह मान रहे हैं कि वैसे तो कोरोना वायरस की वजह से बहुत मुश्किल आने वाली है लेकिन घबराने की कोई बात नहीं. कोरोना का कहर इसी तरह झील के पानी के रास्ते नैनीताल, फिर देश और फिर दुनिया से निकलने वाला है.
लोग यह भी मान रहे हैं कि इस प्रतीक के साथ प्रकृति हमें गहरा संदेश दे रही है कि प्रकृति का सम्मान करो और अपनी जड़ों से दूर मत जाओ, नहीं तो संकट बड़ा गहरा है.
बता दें कि मां नंदा को उत्तराखंड वासी विजयदायिनी युद्ध की देवी के रूप में स्वीकारते हैं जो समस्त मानव जीवन का कल्याण करने वाली माता है. कोई भी शुभ काम करने से पहले वह इस मंदिर में मन्नत मांगने आते हैं.