कहते हैं कि ईश्वर को जिसको मिलाना होता है, उसे हर हाल में मिला ही देता है. एक ऐसा वाक्या मध्य प्रदेश के विदिशा में हुआ है. यहां 8 साल पर पहले नन्हें बच्चों को छोड़ गुम हो गई मां फिर अपने घर लौट आई है. महिला घर लौटते ही अपने बच्चों से लिपटकर रो पड़ी. जिसने भी यह नजारा देखा उसकी आंखें नम हो गई.
विदिशा जिले की तहसील कुरवाई के थाना लायरा के ग्राम बरखेड़ा गांव की मजदूरी करने वाली एक आदिवासी महिला करीब 8 साल पहले अपने दो-तीन साल के बच्चों को छोड़कर कहीं चली गई थी. उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी. वह विदिशा से भोपाल और फिर भोपाल से किसी ट्रेन में बैठकर एर्नाकुलम स्टेशन पर पहुंच गई थी.
एर्नाकुलम स्टेशन पर इस महिला को पुलिस ने केरल के दिव्या करुणानिया चैरिटेबल ट्रस्ट को सौंप दिया था. यह घटना 2013 की है. ट्रस्ट ने पूरी सेवा भावना से इस महिला का उपचार कराया और 8 साल बाद जब उसकी याददाश्त लौटी और उसने अपना पता बताया तो ट्रस्ट की टीम उसे विदिशा के लायरा पुलिस चौकी पर लेकर आई.
यहां जब मां और उसके बच्चों का मिलन हुआ तो सब एक दूसरे से लिपट कर रो पड़े. माहौल भावुक हो गया, जिसे देखकर ग्रामीण भी भावुक हो गए. आदिवासी महिला पहले भोपाल पहुंची. इसके बाद वहां से रेलवे के कर्मचारियों के साथ विदिशा के लायरा पुलिस चौकी पहुंची.
ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया कि 2013 में यह महिला केरल पुलिस को एर्नाकुलम स्टेशन पर मिली थी, जिसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी, पुलिस ने उस महिला को हमारे ट्रस्ट के हवाले कर दिया था, महिला 8 वर्ष से हमारे ट्रस्ट में रह रही थी, जिसका ट्रस्ट के द्वारा इलाज भी कराया जा रहा था.