जोमैटो के बाद अब मैकडी भी धार्मिक वजहों से विवादों के केंद्र में आ गई है. असल में एक व्यक्ति ने ट्विट करके McDonald's India (मैकडी) से पूछा कि क्या भारत में मैकडी का मीट हलाल सर्टिफाइड होता है? मैकडी ने जवाब दिया- 'हम सरकार की मंजूरी प्राप्त सप्लायर से उच्च क्वालिटी का मीट मंगाते हैं. हमारे सभी रेस्त्रां के पास हलाल सर्टिफिकेट है. आप संतुष्टि के लिए रेस्त्रां मैनेजर से सर्टिफिकेट दिखाने को कह सकते हैं.' मैकडी का ये ट्वीट काफी लोगों को पसंद नहीं आया और सोशल मीडिया यूजर्स मैकडी के विरोध में पोस्ट लिखने लगे.
असल में लोगों के एक तबके ने सोशल मीडिया पर सवाल किया कि देश में हिन्दू
और सिख की बड़ी आबादी रहती है, सभी को हलाल मीट खाने पर मजबूर क्यों किया
जा रहा है. एक्ट्रेस कोएना मित्रा ने भी हलाल मीट की वजह से ट्वीट करके मैकडी नहीं खाने का ऐलान किया है.
कई लोगों ने ट्वीट में लिखा- क्यों एक हिन्दू को हलाल मीट खाने पर मजबूर किया जा रहा है? मैकडी को हलाल और झटका, दोनों मीट रखना चाहिए.'
कुछ लोगों ने यह भी लिखा कि हलाल की प्रक्रिया में जानवरों के साथ अधिक
क्रूरता होती है. सभी को यह मीट खाने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए.
उन्हें विकल्प मिलने चाहिए.
हालांकि, एक यूजर ने ये भी लिखा कि मैकडी ही नहीं, अन्य रेस्त्रां भी हलाल मीट ही सर्व करते हैं. विरोध सिर्फ मैकडी का नहीं करना चाहिए.
राहुल शर्मा नाम के यूजर ने लिखा- 'इतने सालों से लोग केएफसी और मैकडी का खाना खा रहे थे, लेकिन अचानक उनकी धार्मिक भावना अहत हो गई है. मीट तो मीट ही है, झटका हो या हलाल. अगर आपको जानवरों के साथ क्रूरता की पड़ी है तो आप मीट खाना छोड़ दीजिए. शाकाहारी बनिए.' वहीं, विवाद के बाद मैकडी की ओर से कोई बयान नहीं आया है.