पूरी दुनिया कोरोना वायरस जैसी महामारी से जंग लड़ रही है और ज्यादातर देशों में लॉकडाउन जारी है. तमाम सेवाओं के साथ ही धार्मिक स्थलों को भी पूरी तरह बंद कर दिया गया है लेकिन पाकिस्तान में लोग सरकार से ज्यादा मौलवियों की सुन रहे हैं. पाकिस्तान में कुछ लोग लॉकडाउन के खिलाफ मुस्लिमों को यह कहकर भड़का रहे हैं कि ईश्वर उनके साथ है इसलिए उन्हें कोरोना नहीं हो सकता है.
कोरोना महामारी के बीच मस्जिदों में नमाज पढ़ने पर पाबंदी के आदेशों का उल्लंघन करने वाले हजारों मुसलमान कह रहे हैं कि "ईश्वर हमारे साथ है" और केवल पश्चिमी देशों के लोग ही कोरोना वायरस से मर सकते हैं.
पाकिस्तान के शहर मुल्तान में मस्जिद में नमाज पढ़वाने वाले 52 वर्षीय साबिर दुर्रानी पिछले महीने जारी किए गए सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाने वालों में से एक हैं. वहां पांच या उससे ज्यादा लोगों के धार्मिक सभाओं पर प्रतिबंध है फिर भी लोग इसका उल्लंघन कर रहे हैं.
दुर्रानी ने सोमवार को न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि हमारे नेता ने हमें कहा है कि वायरस हमें उस तरह से संक्रमित नहीं कर सकता, जिस तरह से पश्चिमी लोगों को कर रहा है.
दुर्रानी बताया कि उनके नेता ने कहा, "हम अपने हाथ धोते हैं और हम नमाज शुरू करने से पहले एक दिन में पांच बार अपना चेहरा धोते हैं जो दूसरे लोग नहीं करते हैं, इसलिए हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है. ईश्वर हमारे साथ है.''
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी कोरोना वायरस रिसोर्स सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार सुबह तक पाकिस्तान में कुल 5,374 लोगों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है जबकि इस महामारी से अब तक 93 लोगों की मौत हो चुकी है.