अमेरिकी एयर स्ट्राइक में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमान के मारे जाने के बाद आज ईरान में उनके जनाजे में भगदड़ मच जाने की वजह से 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं. बड़ी संख्या में श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की मौजूदगी की संभावना को
देखते हुए ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की तैनाती की गई थी और
लोगों को सड़कों से अपने वाहनों को हटाने के लिए पहले ही कह दिया गया था.
अधिकारियों ने राजधानी में सुरक्षा उपायों को बढ़ाया है और रविवार दोपहर
बाद से हेलिकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं.
सुलेमानी के पैतृक शहर केरन में जनाजे के अंतिम संस्कार के दौरान देश भर से भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे जहां यह भगदड़ मची. बता दें कि इससे पहले उनके शव को अहवाज और फिर राजधानी तेहरान भी लाया गया था जहां लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी और अमेरिका-इजरायल के खिलाफ नारे लगाए.
कासिम सुलेमानी को मारने के लिए अमेरिका ने शुक्रवार की सुबह का वो वक्त चुना था जब सुलेमानी सीरिया से लौट रहे थे और इराक की राजधानी बगदाद में अपने एसयूवी गाड़ी में अंगरक्षकों के साथ एयरपोर्ट से बाहर निकल रहे थे. जैसे ही कासिम सुलेमानी और उनके अंगरक्षकों की गाड़ी एयरपोर्ट के कार्गो वाले हिस्से से निकलकर बाहर की तरफ जा रही थी ठीक उसी वक्त उनके काफिले पर ड्रोन के जरिए अमेरिकी एजेंसियों ने 230mph लेजर गाइडेड हेलफायर मिसाइल दागा, जिससे गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए.
सुलेमानी के खून से सने छत-विछत शव की पहचान मलबे में एक अंगूठी के द्वारा हुई जो वो हमेशा पहना करते थे. ईरान के मीडिया के मुताबिक इस हमले में दस लोग मारे गए, जिसमें चार वरिष्ठ ईरानी सैन्य सहयोगी, चार इराकी मिलिशिया नेता और अल-मुहांडिस शामिल थे.
सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है. सुलेमानी की हत्या के बाद ईरान के शीर्ष नेता खुमैनी ने कहा था कि "धरती के सबसे क्रूर लोगों ने' 'सम्मानीय' कमांडर की हत्या की, जिन्होंने दुनिया की बुराइयों और डकैतों के खिलाफ साहसपूर्वक लड़ाई लड़ी." खोमैनी ने कहा, "उनके निधन से उनका मिशन नहीं रुकेगा लेकिन जिन अपराधियों ने जनरल सुलेमानी और अन्य शहीदों के खून से अपने हाथ रंगे हैं, उन्हें जरूर एक जबरदस्त बदले का अंजाम भुगतने का इंतजार करना चाहिए."