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झारखंड: पति की मौत के बाद गिर गया घर, फिर शौचालय को बना लिया आशियाना

एक वृद्ध मजबूर महिला ने शौचालय बनाया अपना आशियाना.
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स्वच्छ भारत अभियान के तहत भले ही कई गांव के लोगों को शौचालय मिला हो लेकिन किसी के लिए शौचालय ही उसका घर बन जाए तो ये काफी चौंकाने वाला है. जी हां, 75 साल की एक बूढ़ी महिला मजबूरी में अपनी जिंदगी एक शौचालय में गुजार रही है. झारखंड के कोडरमा के डोमचांच प्रखंड में एक वृद्ध महिला ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाए गए शौचालय को ही अपना आशियाना बना लिया है. (इनपुट-बिश्वजीत कुमार)

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दरअसल, झारखंड की राजधानी रांची से 165 किलोमीटर की दूरी पर कोडरमा जिला है. जहां पिछले दो सालों से महिला शौचालय में रह रही है लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. हालांकि, सूचना के बाद उपायुक्त रमेश घोलप ने उक्त महिला को सरकारी योजनाओं से जोड़ने की बात कही है. महिला का नाम दुखिया देवी है, जिसकी उम्र 75 साल है. उनके घर का पता है-स्वच्छ भारत अभियान के तहत बना शौचालय.

एक वृद्ध मजबूर महिला ने शौचालय बनाया अपना आशियाना.
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पिछले 2 सालों से दुखिया देवी नाम की यह वृद्ध महिला का आवासीय पता स्वच्छ भारत अभियान के तहत बना शौचालय ही है. पति की मौत के बाद जिस मिट्टी के मकान में ये महिला रहती थी, वह बारिश में गिर गया और जब उसे कोई ठिकाना ना मिला तो इसने साढ़े तीन बाई चार फीट के शौचालय को ही अपना आशियाना बना लिया.

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डोमचांच प्रखंड के बंगाखलार पंचायत के तुरिया टोली में रहने वाली दुखिया देवी के दुखों का अंत यहीं नहीं होता. आपको जान कर दुख होगा कि बारिश के मौसम में शौचालय में बने आशियाने में बारिश का पानी घुस जाता है. महिला की समस्या से पंचायत की मुखिया विष्णी देवी भी वाकिफ है, लेकिन इन 2 सालों में दुखिया के दुखों का अंत करने के लिए जांच के सिवा कुछ भी नहीं किया गया.

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बहरहाल, इस संबंध में मीडिया से मिली जानकारी के आधार पर उपायुक्त ने जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने कहा है कि जांच प्रतिवेदन के आधार पर जल्द ही वृद्ध महिला को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा. साढ़े तीन बाई चार के शौचालयनुमा कमरे में कैसे कोई सो सकता है, कैसे कोई खा सकता है और कैसे कोई रह सकता है, यह सवाल भले ही काफी गंभीर है. लेकिन मदद की उम्मीद में दुखिया देवी आस लगाकर बस जिंदगी काट रही है.

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