पश्चिम एशिया में तनाव की लपटें अब और तेज हो गई हैं. इजरायल ने शुक्रवार रात "ऑपरेशन राइजिंग लॉयन" के तहत ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है.
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इस सुनियोजित और घातक सैन्य कार्रवाई में इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को भारी नुकसान पहुंचाया है, जिससे पूरे क्षेत्र में भूकंप जैसे झटके महसूस किए जा रहे हैं.
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इजरायल ने नतांज (Natanz) पर जोरदार हमला किया है. यहां ईरान यूरेनियम संवर्धन यानी यूरेनियम इनरिचमेंट की प्रक्रिया चला रही थी.
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ईरान ने खुद भी पुष्टि की है कि नतांज साइट को जबरदस्त नुकसान हुआ है. नंताज साइट के आसपास बनी इमारतें भी तहस-नहस हो गई हैं. इलाकें में खड़ी गाड़ियां भी डैमेज हुई हैं. सड़कों पर मलबा और गाड़ियों के टूटे कांच नजर आ रहे हैं.
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हमले के तुरंत बाद दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची साथ ही घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, इजरायली खुफिया एजेंसी और सैन्य यूनिट्स ने ईरान के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया और कुछ की मौत की भी पुष्टि की है.
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यह हमला केवल तकनीकी ठिकानों पर नहीं, बल्कि मानव संसाधन यानी ब्रेनपावर पर भी हुआ है, ताकि भविष्य में परमाणु परियोजना को पुनर्जीवित करना मुश्किल हो.
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साथ ही, इजरायल ने ईरान की बैलेस्टिक मिसाइल निर्माण सुविधाओं पर भी हमले किए हैं. इन हमलों ने ईरान के मिसाइल प्रोग्राम को गंभीर झटका दिया है.
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रिपोर्टों के अनुसार, इजरायली विमान बिना किसी बड़ी रुकावट के तेहरान तक पहुंचे और वहां आसमान में मंडराते हुए सटीक हमले किए. मिसाइल से हुए ये हमला इतना जोरदार था कि मिसाइलें सीधा घर के अंदर जा घुसी हैं. हमला के बाद आग का गुबार उठा और फिर चारों तरफ धुआं-धुआं हो नजर आने लगा.
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इजरायल के हमले में ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल हुसैन बघेरी भी मारे गए हैं. इसके अलावा ईरान को दूसरा बड़ा नुकसान रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के चीफ कमांडर हुसैन सलामी की मौत के रूप में हुआ है. इजरायल के ऑपरेशन राइडिंग लॉयन में ये दो बड़े नाम हैं जो मारे गए हैं.
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