scorecardresearch
 
Advertisement
ट्रेंडिंग

Pinaka Missile कानपुर में तैयार, 5757KM की गति में रास्ता बदलकर दुश्मन को करेगी तबाह

Indigenous Pinaka Guided Missile
  • 1/10

देश की रक्षा ताकत और बढ़ने वाली है. उत्तर प्रदेश के कानपुर आयुध फैक्ट्री (Kanpur Ordnance Factory) ने पिनाका-मार्क 1 गाइडेड मिसाइल का स्वदेशी संस्करण सफलतापूर्वक बना लिया है. इस मिसाइल की खासियत ये है कि इसकी दिशा लॉन्चिंग के बाद भी बदली जा सकती है. मार्क 1 पिनाका का एडवांस्ड वर्जन है. इस मिसाइल से किसी गाड़ी, बंकर, बेड़े, तोप या किसी भी टारगेट पर सटीक निशाना लगाया जा सकता है. (फोटोः पीटीआई)

Indigenous Pinaka Guided Missile
  • 2/10

कानपुर आयुध फैक्ट्री के महाप्रबंधक एएन श्रीवास्तव और फील्ड गन फैक्ट्री के जनरल मैनेजर गिरीश चंद्र अग्निहोत्री ने बताया कि इस मिसाइल का सबसे संवेदनशील पार्ट स्टेबलाइजर 12 दिन में बनकर तैयार हो जाएगा. फैक्ट्री में इसके अलावा शारंग और धनुष को भी फैक्ट्री ने पूरी तरह विकसित किया है. पिछले साल 10 शारंग की डिलिवरी हुई थी. इस साल अब तक 21 डिलिवरी कर चके हैं. 14 जल्दी ही डिलिवर की जाएंगी. (फोटोः पीटीआई)

Indigenous Pinaka Guided Missile
  • 3/10

कुछ समय पहले ही रक्षा मंत्रालय ने छह सैन्य रेजीमेंट के लिए 2580 करोड़ रुपए की लागत से पिनाका रॉकेट लॉन्चर खरीदने को लेकर दो अग्रणी घरेलू रक्षा कंपनियों के साथ समझौता किया है. इस समझौते के तहत टाटा पावर कंपनी लिमिटेड (टीपीसीएल) और लार्सन एंड टूब्रो (एल एंड टी) के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर हुए हैं. रक्षा क्षेत्र के सरकारी उपक्रम भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) को भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया गया है. (फोटोः DRDO)

Advertisement
Indigenous Pinaka Guided Missile
  • 4/10

सेना के सूत्रों ने बताया कि पिनाका रेजीमेंट को सैन्य बलों की संचालन तैयारियां बढ़ाने को चीन और पाकिस्तान की सीमा के साथ तैनात किया जाएगा. बीईएमएल ऐसे वाहनों की आपूर्ति करेगी जिस पर रॉकेट लॉन्चर को रखा जाएगा. (फोटोः पीटीआई)

Indigenous Pinaka Guided Missile
  • 5/10

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 6 पिनाका रेजीमेंट में ‘ऑटोमेटेड गन एमिंग एंड पोजिशनिंग सिस्टम’के साथ 114 लॉन्चर, 45 कमान पोस्ट भी होंगे. मिसाइल रेजीमेंट का संचालन 2024 तक शुरू करने की योजना है. आइए जानते हैं कि आखिर इस रॉकेट लॉन्चर की क्षमता और ताकत कितनी है. ये कितनी दूर तक हमला कर सकता है. (फोटोः DRDO)

Indigenous Pinaka Guided Missile
  • 6/10

रॉकेट लॉन्चर के तीन वैरिएंट्स हैं. MK-1 ये 40 किलोमीटर हमला करने के लिए है. MK-2 लॉन्चर से 90 किलोमीटर और MK-3 (निर्माणाधीन) लॉन्चर से 120 किलोमीटर तक हमला किया जा सकता है. इस लॉन्चर की लंबाई 16 फीट 3 इंच से लेकर 23 फीट 7 इंच तक है. इसका व्यास 8.4 इंच है. (फोटोः DRDO)

Indigenous Pinaka Guided Missile
  • 7/10

214 कैलिबर के इस लॉन्चर से एक के बाद एक 12 पिनाका रॉकेट दागे जा सकते हैं. एक लॉन्चर बैटरी से 44 सेकेंड में 72 पिनाका रॉकेट दागे जा सकते हैं. यानी दुश्मन के ठिकाने को कब्रिस्तान में बदलने के लिए ये सबसे बेहतरीन हथियार है. रॉकेट लॉन्चर की रेंज 7 किलोमीटर के नजदीकी टारगेट से लेकर 90 किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन को नेस्तानाबूत कर सकता है. (फोटोः DRDO)

Indigenous Pinaka Guided Missile
  • 8/10

इस लॉन्चर से छोड़े जाने वाले पिनाका रॉकेट के ऊपर हाई एक्सप्लोसिव फ्रैगमेंटेशन (HMX), क्लस्टर बम, एंटी-पर्सनल, एंटी-टैंक और बारूदी सुरंग उड़ाने वाले हथियार लगाए जा सकते हैं. यह रॉकेट 100 किलोग्राम तक के वजन के हथियार उठाने में सक्षम हैं. (फोटोः DRDO)

Indigenous Pinaka Guided Missile
  • 9/10

पिनाका रॉकेट की स्पीड 5757.70 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यानी एक सेकेंड में 1.61 किलोमीटर की गति से हमला करता है. दुश्मन को इतना भी मौका नहीं मिलता की वह टारगेट से दूर भाग सके. पिनाका रॉकेट मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) है. इसे भारतीय सेना के लिए DRDO ने बनाया है. (फोटोः DRDO)

Advertisement
Indigenous Pinaka Guided Missile
  • 10/10

करगिल युद्ध के दौरान इस मिसाइल को टट्रा ट्रक पर लोड करके ऊंचाई वाले इलाकों में भेजा गया था. वहां पर इस रॉकेट ने दुश्मन के ठिकानों की धज्जियां उड़ा दी थीं. सभी पाकिस्तानी दुश्मनों को पहाड़ पर बनाए अपने बंकरों को छोड़कर भागना पड़ा या फिर मारे गए. क्योंकि ये रॉकेट इतनी गति से हमला करता है कि दुश्मन को संभलने का मौका ही नहीं मिलता. (फोटोः PIB)

Advertisement
Advertisement