रात 11 बजे के बाद तीसरी लड़ाई
चीन और भारतीय सैनिकों के बीच तीसरा टकराव रात 11 बजे के तुरंत बाद शुरू हुआ और छिटपुट तरीके से आधी रात के बाद तक जारी रहा. ये लड़ाई पूरी तरह से चीनी सीमा में लड़ी गई. इस दौरान आमने-सामने की हाथापाई हुई. भारतीय सैनिक चीनियों पर टूट पड़ रहे थे, लेकिन घाटी संकरी और चढ़ाई खड़ी होने की वजह से कई सैनिक नदी में गिर गए. कई सैनिकों को गिरते वक्त पत्थरों से चोट लगी. सात बजे शुरू हुई इस लड़ाई के 5 घंटे गुजर जाने के बाद स्थिति अब सामान्य हो रही थी. भारत और चीन दोनों ओर के स्वास्थ्यकर्मी वहां पहुंच गए. मृतक सैनिकों को उठाया जा रहा था, घायल सैनिकों का इलाज किया गया. अंधेरे में ही घायल और मृत सैनिकों का आदान-प्रदान हुआ. इसी दौरान भारत के 10 सैन्यकर्मियों को चीन ने पकड़ लिया. इसमें 2 मेजर, 2 कैप्टन और 6 जवान शामिल थे.
16 चीनी सैनिकों की बॉडी सौंपी गई
इंडिया टुडे को जानकारी मिली है कि लड़ाई के बाद पहली बार समग्र आकलन में पाया गया कि तीसरी लड़ाई के बाद चीन को उसके 16 सैनिकों के शव सौंपे गए. इसमें चीन के 5 ऑफिसर भी शामिल थे. हालांकि डीब्रीफिंग की इस रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं है कि इन पांच बॉडी में चीन के कमांडिंग ऑफिसर की बॉडी थी या नहीं. इस तरह से 16 चीनी सैनिक युद्ध क्षेत्र में ही मरे थे. यह आकलन किया जा रहा है कि जिस तरह लड़ाई के दूसरे दिन भारत के 17 जख्मी जवानों ने अपनी जान गंवाई थी उसी तरह चीन के भी कई जख्मी जवानों की बाद में मौत हो गई है. हालांकि इसके बारे में चीन की ओर से न कोई पुष्टि हुई है और न ही होने की संभावना है.