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नेशनल यूथ डे: डेटिंग से लेकर लाइफस्टाइल तक, 2 दशक में इतना बदला देश का नौजवान!

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देश भर में मंगलवार को नेशनल यूथ डे मनाया गया है. देश की दशा-दिशा तय करने में युवाओं की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है. पिछले दो दशक में ग्लोबल स्तर पर जबरदस्त बदलाव देखने को मिले हैं और इन बदलावों में इंटरनेट की अहम भूमिका रही है. आज से 20 साल पहले ही इंटरनेट ने दुनिया में अपने पांव पसारने शुरू किए थे. जानते हैं पिछले 2 दशकों में कैसे देश के युवा की जिंदगी में बदलाव आया है. 

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एजुकेशन: आज से 20 साल पहले तक पढ़ाई का ट्रेडेशनल अंदाज ही देखने को मिलता था. स्कूलों में पढ़-लिखकर युवा अक्सर पारंपरिक करियर मसलन डॉक्टर्स, इंजीनियर्स और एमबीए जैसे प्रोफेशन्स में ही अपना करियर बनाने की सोचते थे. कई बार टीनेजर्स गाइडेन्स के अभाव में गलत करियर चुनकर अपने कई साल बर्बाद भी कर लेते थे. हालांकि 20 साल बाद यूट्यूब और ऑनलाइन कल्चर ने स्कूली पढ़ाई की प्रासंगिकता को कम किया है. कोरोना काल में लंबे समय के लिए लगे लॉकडाउन के चलते भी ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा मिला है. इसके अलावा आज के दौर में टीनेजर्स अपनी चॉइस और अपनी पढ़ाई को लेकर ज्यादा सतर्क हैं. वे किसी भी प्रोफेशन को लेकर ऑनलाइन रिसर्च कर सकते हैं और इसके चलते गैर-पारंपरिक प्रोफेशन में भी स्टूडेंट्स अपना करियर बनाने को लेकर प्रेरित हुए हैं. 

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सोशल मीडिया: 20 साल पहले तक सोशल मीडिया ने दुनिया में दस्तक नहीं दी थी. ऐसे में उस दौर में चीजें ट्रेंड या वायरल नहीं होती थी, पॉलिटिकल से लेकर सोशल मुद्दों पर ऑनलाइन बहस देखने को नहीं मिलती थी और आज की तुलना में देश के यूथ की जिंदगी थोड़ी धीमी लेकिन सुकून से भरी होती थी. हालांकि मॉर्डन सोसाइटी में चीजें पूरी तरह से बदल चुकी हैं. यूं तो सोशल मीडिया ने कई स्तर पर क्रांतिकारी बदलाव लेकर आने की कोशिश की है लेकिन इस माध्यम ने लोगों में अकेलापन और मानसिक समस्याओं को भी बढ़ाया है. लोगों की एकाग्रता पर सोशल मीडिया ने कड़ा प्रहार किया है. कई लोगों के लिए आज के दौर में किताबें पढ़ना नामुमकिन हो चुका है. ऐसे में कहा जा सकता है कि सोशल मीडिया ने कई लोगों को आवाज दी है लेकिन काफी हद तक लोगों के इंटेलेक्ट को नकारात्मक तौर पर प्रभावित भी किया है.  

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डेटिंग लाइफ: देश में 20 साल पहले फोन का कल्चर काफी कम देखने को मिलता था और ज्यादातर मिडिल क्लास परिवारों में एक लैंडलाइन फोन ही होता था. ऐसे में उस दौर में डेटिंग लाइफ अक्सर मोहल्लों में, कॉलेज कैंपस, पब और बार जैसी जगहों तक सीमित थी. हालांकि 20 साल बाद देश के यूथ की डेटिंग लाइफ में काफी बदलाव देखने को मिला है. अब ज्यादातर लोगों के पास स्मार्टफोन हैं, कम्युनिकेशन के तरीके काफी बढ़ गए हैं. सोशल मीडिया और डेटिंग एप्स के आने से भी युवाओं की डेटिंग लाइफ पहले से ज्यादा एक्टिव हुई है. हालांकि अब भी कई ऐसे लोग हैं जो सोशल मीडिया से दूर डेटिंग के लिए पारंपरिक तरीकों पर ही भरोसा करना पसंद करते हैं.

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सिनेमा और एंटरटेन्मेन्ट का अंदाज भी पूरी तरह से बदल चुका है. सिंगल स्क्रीन थियेटर्स की जगह अब मल्टीप्लेक्सेस ने ले ली है. नेटफ्लिक्स, एमेजॉन प्राइम जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के चलते विश्व सिनेमा में युवाओं की रूचि देखने को मिली है. हर वर्ग का इंसान खासकर युवा पीढ़ी के लोग अब कंटेंट पर आधारित फिल्मों को तरजीह देने लगे हैं. इसके चलते मॉर्डन दौर में सुपरस्टार कल्चर खत्म हुआ है और एक्टर्स को वरीयता मिलने लगी है. इन प्लेटफॉर्म्स के चलते सिनेमा में कई बेहतरीन प्रयोग भी देखने को मिले हैं. वही सिनेमा को प्रोफेशन के तौर पर आजमाने वाले युवाओं के लिए भी आज के दौर में चीजें बहुत ज्यादा आसान हुई हैं.  

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