इन मंदिरों में होते हैं चार कक्ष
नागर शैली के मंदिरों में चार कक्ष होते हैं, गर्भगृह, जगमोहन, नाट्यमंदिर और भोगमंदिर. प्रारम्भिक नागर शैली के मंदिरों में स्तम्भ नहीं होते थे. लेकिन धीरे-धीरे इसमें बदलाव भी हुआ है. बनावट में भी बदलाव देखने को मिले. स्थानीय विविधताओं का भी मिश्रण देखने को मिला.