एक स्टडी में संकेत मिला है कि 6 फीट से लंबे लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा बाकी लोगों के मुकाबले दोगुने से भी अधिक होता है. ब्रिटेन की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी और ओपन यूनिवर्सिटी सहित अंतरराष्ट्रीय रिसर्चर्स की एक टीम ने अमेरिका और ब्रिटेन के करीब 2 हजार लोगों के बीच इस मुद्दे पर सर्वे किया था.
ब्रिटिश टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वे में वैज्ञानिक ये पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि क्या लोगों की पर्सनल प्रोफाइल, जैसे कि काम और घर से कोरोना संक्रमण का कोई संबंध है? इसी दौरान रिसर्चर्स को पता चला कि 6 फीट से अधिक लंबे लोगों को कोरोना से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है.
साइंटिस्ट का कहना है कि कोरोना से लंबे लोगों को अधिक खतरा होने से यह भी पता चलता है कि वायरस हवा के जरिए फैल रहा है और लंबाई से फर्क नहीं पड़ रहा है, अगर ड्रॉपलेट से लोग संक्रमित हो रहे हैं.
मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर इवान कोन्टोपैन्टेलिस ने कहा कि सर्वे से ये पता चलता है कि ड्रॉपलेट से सिर्फ नीचे की ओर संक्रमण नहीं फैलता बल्कि हवा में मौजूद ड्रॉपलेट से भी संक्रमण हो सकता है. उन्होंने कहा कि घरों में संक्रमण से बचने के लिए एयर प्यूरिफिकेशन की जरूरत पर विश्लेषण किया जाना चाहिए.
सर्वे में यह भी पता चला कि ब्रिटेन में नेचुरल साइंस की डिग्री वाले लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा कुछ कम है. ओपन यूनिवर्सिटी के रिसर्च डायरेक्टर प्रोफेसर पॉल आनंद ने कहा कि इकोनॉमी और सोसायटी अब खोली जा रही हैं और ऐसे में यह समझना जरूरी है कि कोरोना वायरस संक्रमण पर पर्सनल फैक्टर्स का क्या असर पड़ता है.