लॉकडाउन के दौरान ट्रेन और बस सेवा बंद है जिससे हजारों मजदूर पैदल ही अपने राज्य और घर के लिए निकल पड़े हैं. सड़कों पर ऐसे गरीब कामगारों की भारी भीड़ है. इसी दौरान कानपुर हाइवे पर जो दृश्य नजर आया वो देखकर आपका दिल भी पसीज जाएगा. दरअसल एक पिता अपने बीमार बेटे को चारपाई पर लिटाकर पैदल ही लुधियाना से सिंगरैली के लिए निकल पड़ा. बता दें कि ये पिता अपने बीमार बेटे को लेकर 800 किलोमीटर की यात्रा कर रहा है.
बीमार युवक के पिता ने बताया कि बीते 15 दिनों से वो पैदल चलकर कानपुर पहुंचा था जहां पुलिस ने उसे देखा तो एक ट्रक पर बैठा दिया जिससे वो प्रयागराज तक पहुंच जाए. अब उस लाचार पिता का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
युवक के पिता राजकुमार ने बताया कि उनके बेटे की गर्दन टूटी हुई है और उसे लेकर बीते 15 दिनों से लगातार पैदल चल रहे हैं ताकि अपने घर सिंगरौली पहुंच सकें. उन्होंने बताया कि इतने दिनों में उन्हें कहीं भी भरपेट खाना तक नसीब नहीं हुआ.
सिंगरौली के रहने वाले राजकुमार ने बताया कि वो और उनका पूरा परिवार लुधियाना में काम करता था. कोरोना महामारी की वजह से काम छूट गया जिससे खाने पर भी आफत आ गई. भोजन नहीं मिल पाने के कारण घर जाने को मजबूर हो गए.
ऐसे में उनके लिए पैदल घर जाना उस वक्त और ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया जब 15 साल के बेटे बृजेश को गर्दन में चोट लग गई और वो चलने में असर्मथ हो गया.
पिता अपने बेटे को एक चारपाई पर लिटाकर रस्सी के सहारे अपने घर के लिए निकल गए. राजकुमार के साथ उसके गांव के 15 लोग और भी थे जो बारी- बारी से उनके बेटे को कंधे पर लेकर कई किलोमीटर तक पैदल चल रहे हैं.