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ये है शापित गुड़िया एनाबेल की सच्ची कहानी, इसे हाथ भी लगाना है मना

ये है शापित गुड़िया एनाबेल की सच्ची कहानी, इसे हाथ भी लगाना है मना
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फिल्म 'एनाबेल क्रिएशन'  इस साल  की सबसे डरावनी हॉरर फिल्म मानी जा रही है. दिल्ली एनसीआर में फिल्म के शो ज्यादातर हाउसफुल चल रहे हैं.  ट्विटर पर लोगों के रिएक्शन से पता चला रहा है  कि ये फिल्म कितनी ज्यादा डरावनी है.  
ये है शापित गुड़िया एनाबेल की सच्ची कहानी, इसे हाथ भी लगाना है मना
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 गौरतलब है  कि फिल्ममेकर्स द्वारा दावा किया जा रहा है कि यह फिल्म असल घटना पर आधारित है. दरअसल 1970 में अमेरिका में एक मां ने अपनी बेटी डॉना के लिए दुकान से गुड़िया खरीदी.
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यह कार्टून कैरेक्टर रैगेडी ऐन की तरह ही दिखती थी. डॉना नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थी और दोस्त एंजी के साथ रहती थी.यह डॉल कार्टून कैरेक्टर रैगेडी ऐन की तरह ही दिखती थी.मां ने डॉना को उसके बर्थडे में ये डॉल गिफ्ट की. शरुआती दिनों में गुड़िया नॉर्मल सी थी. फिर उसने हाथ हिलाने लगी. लड़कियां इसे रात को कुर्सी पर रखती थीं, सुबह वह जमीन पर दिखती थी. पहले उन्हें ये वहम लगा.
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हालांकि ये वहम ज्यादा दिन तक नहीं रहा. कुछ समय बाद लड़कियों ने अजीब चीजें महसूस कीं. गुड़िया  डॉना के कमरे में रखी जाती, लेकिन पाई  एंजी के रूम जाती थी. इस बीच डॉना और एंजी का एक दोस्त  लू जब भी गुड़िया को देखता था, नर्वस हो जाता था. लू को शक था कि यह गुड़िया भूतिया है. कुछ दिन बाद लड़कियों को कमरे में कागज दिखे जिस पर बच्चे की लिखावट में 'हेल्प लू' या 'हेल्प अस' लिखा होता था.

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एक दिन जब डॉना घर लौटी तो उसने देखा कि गुड़िया के हाथ और छाती पर खून लगे हुए थे. उन्होंने पैरानॉर्मल सेकाइट्रिस्ट को बुलाया तब पता चला कि इस बिल्डिंग के पास एक सात साल की बच्ची एनाबेल हाइगिन की मौत हो गई थी.  

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विशेषज्ञ ने बताया कि एनाबेल की आत्मा को यह गुड़िया पसंद है और वह डॉना, एंजी के साथ रहना चाहती है. एंजी और डॉना ने फैसला किया वह डॉल को अपने पास ही रखेंगी और एनाबेल की आत्मा को खुद से दूर नहीं करेंगी.

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कुछ दिनों बाद लू को महसूस हुआ कि उसके पांव पर कुछ रेंग रहा है और कोई नुखीले नाखूनों से उस पर हमला कर रहा है. दूसरे दिन घर पर सिर्फ लू और एंजी ही थे, डॉना कहीं बाहर गई थी. अचानक दूसरे कमरे से डॉना की चीखने की आवाज आने लगी.

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 लू ने कमरे में झांका तो कोई नहीं दिखा. जैसे ही वह रूम के अंदर गया उसे महसूस हुआ कि उसके पीछे कोई खड़ा है. फिर उसने महसूस किया कि कोई उसके पैरों पर धीरे-धीरे चढ़ रहा है और नुखीले नाखूनों से पांव खरोंच रहा है. गुड़िया उसे घूर रही थी.

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 लू फौरन कमरे से भाग गया. लेकिन दो ही दिनों में निशान अपने-आप गायब हो गए. तीनों दोस्तों ने पैरानॉर्मल एक्सपर्ट एड ऑर लौरेन वॉरेन की मदद ली. वॉरेन दंपति ने गुड़िया को गौर से देखा औैर बताया कि गुड़िया में किसी आत्मा का वास नहीं है बल्कि किसी बेहद शक्तिशाली आत्मा ने इस पर कब्जा कर रखा है.

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 वॉरेन उसे अपने साथ लेकर चले गए। रास्ते में उनकी गाड़ी अनियंत्रित होने लगी। तब उन्होंने कार की पिछली सीट पर बैठी गुड़िया पर पवित्र जल छिड़का, जिसके बाद गाड़ी ठीक से चलने लगी. वॉरेन दंपति ने इस शापित गुड़िया को अपने म्यूजियम में रख दिया. इस हाथ लगाना भी मना है.

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