अमेरिका में कोरोना वायरस से मरीज और डॉक्टर बुरी तरह जूझ रहे हैं. इलाज के दौरान डॉक्टर को नई-नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इलाज की बेहतरीन सुविधाओं के बावजूद अमेरिका में 56,245 लोगों की कोरोना से मौत हो गई है. इस दौरान एक मरीज के मौत के मुंह से बाहर आने की दिलचस्प कहानी सामने आई है.
अमेरिका के मैसाचुसेट्स के रहने वाले 49 साल के जिम बेलो पेशे से वकील हैं
लेकिन एथलेटिक्स में भी हिस्सा लेते रहे हैं. वे हेल्दी थे और पहले से
उन्हें कोई बीमारी नहीं थी. लेकिन कोरोना से वे बुरी तरह बीमार हो गए.
डॉक्टरों ने पत्नी किम बेलो को भी बता दिया था कि उनके बचने की संभावना कम
है और मौत की आशंका अधिक.
तीन बच्चों के पिता जिम बेलो का इलाज मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल में किया गया. मार्च के शुरुआत में उन्हें तेज फीवर हो गया था. उन्हें 32 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया. इस दौरान 9 दिन तक उन्हें आर्टिफिशियल हार्ट-लंग मशीन के सहारे जीवित रखा गया. (प्रतीकात्मक फोटो)
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. एम्मी रुबिन ने किम बेलो से कहा था- 'बचने की कुछ संभावना है. लेकिन अगर आप ईमानदारी से जवाब चाहते हैं तो ज्यादा आशंका है कि वह ना बचे.' (प्रतीकात्मक फोटो)
जिम बेलो के फेफड़े ने काम करना लगभग बंद कर दिया था. डॉक्टर ने उनके फेफड़ों का एक्सरे देखकर कहा था कि उन्होंने अब तक जितने एक्सरे देखे हैं, यह सबसे खराब है.
डॉक्टरों ने जिम बेलो का कई एक्सपेरिमेंटल दवा से भी ट्रीटमेंट किया था. लेकिन जब उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई तो एक दिन डॉक्टर ने उनकी पत्नी किम बेलो को मिलने के लिए बुलाया. यह दूसरा मौका था जब वह बीमार पति से मिल रही थीं.
पत्नी किम बेली ने बताया कि मुलाकात के दौरान उन्हें लगा कि अगर वे पति से घंटों बातें करेंगी तो उनकी तबीयत बेहतर हो सकती है. पत्नी इस दौरान उन्हें बताती रहीं कि उन्हें जिम बेलो की कितनी जरूरत है. उन्हें लड़ना होगा. वे उन्हें छोड़कर नहीं जा सकते.
डॉक्टरों ने पत्नी को मुलाकात के लिए सिर्फ 15 मिनट का वक्त दिया था, लेकिन बाद में तीन घंटे तक डॉक्टरों ने उन्हें मिलने दिया. किम बेली इस दौरान पति से कहती रहीं- 'मैं तुम्हारा हाथ थाम रही हूं. मैं तुम्हारा सिर सहला रही हूं.' (प्रतीकात्मक फोटो)
जिम बेलो के ठीक होने के बाद डॉक्टर भी नहीं जानते कि वे कैसे बच गए. उनका इलाज करने वाले एक डॉक्टर पौल कूरियर ने कहा- 'मुझे हैरानी नहीं होगी अगर पत्नी से मुलाकात ने उन्हें मदद की हो. पत्नी उनके बेड के पास 3 घंटे तक रही. यह उनकी जिंदगी का सबसे खराब वक्त था. आप इसे कम करके नहीं देख सकते कि इस तरह की चीजें कितना बदलाव ला सकती हैं.' (प्रतीकात्मक फोटो)
पत्नी से मुलाकात के सिर्फ तीन दिन के बाद एक्सरे में डॉक्टरों को उम्मीद की पहली किरण नजर आई. इसके बाद जिम बेलो की हालत लगातार बेहतर होने लगी. आखिरकार 14 अप्रैल को जिम बेलो को वेंटिलेटर से हटा दिया गया और वे खुद सांस लेने लगे. अब वे अपने घर भी लौट आए हैं. (प्रतीकात्मक फोटो)