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खुदाई में सुराही से टकराया फावड़ा, न‍िकला खि‍लजी काल का 'खजाना'

खुदाई में सुराही से टकराया फावड़ा, न‍िकला खि‍लजी काल का 'खजाना'
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यूपी के बाराबंकी में दरियाबाद के कांटी मजरे रोहिलानगर में तालाब से मिट्टी खुदाई के दौरान सल्तनत कालीन सिक्के निकले. तालाब में खुदाई के दौरान एक सुराही म‍िली थी ज‍िसके अंदर 125 सिक्के निकले. लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. इसके बाद सिक्कों को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया. (Demo Photo)

खुदाई में सुराही से टकराया फावड़ा, न‍िकला खि‍लजी काल का 'खजाना'
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यहां रहने वाले मनोज यादव अपने घर के सामने तालाब से मिट्टी खोदकर पटाई कर रहे थे. खुदाई के दौरान तालाब में एक छोटी सुराही से फावड़ा टकराया. फावड़े के टकराते ही सुराही को बाहर निकाला गया.
खुदाई में सुराही से टकराया फावड़ा, न‍िकला खि‍लजी काल का 'खजाना'
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सुराही में ऊर्दू-फ़ारसी भाषा में लिखे पुराने 125 सिक्के निकले. सिक्कों में जंग लगी थी. यह सिक्के तांबे के बताए जा रहे हैं.
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इस बात की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई तो वह मौके पर पहुंची. पुलिस के सुपुर्द मनोज ने लिखा-पढ़ी के साथ 125 सिक्के कर द‍िए. दावा किया जा रहा है कि यह सिक्के सल्तनतकालीन अलाउद्दीन खिलजी काल के हैं. वहीं, इस संबंध में पुलिस द्वारा फोन पर बताया गया कि सिक्के पुरातत्व विभाग को रिपोर्ट लगाकर भेजे गए हैं.
खुदाई में सुराही से टकराया फावड़ा, न‍िकला खि‍लजी काल का 'खजाना'
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इस बारे में मनोज ने बताया क‍ि हम तालाब की खुदाई कर रहे थे, तभी हमें एक सुराही मिली. उसको खोला तो उसमे पुराने दौर के 125 सिक्के थे. हमने पहले इसको तालाब में फेंक दिया. बाद में पुलिस आई तो हमने उसको पुलिस के हवाले कर दिया. करीब 125 पुराने सिक्के थे जिन पर मोहर भी लगी है. हम लोगों ने यूट्यूब पर सर्च किया तो वह सल्तनत कालीन समय के न‍िकले. उस वक्त अलाउद्दीन ख‍िलजी की सल्तनत थी.
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