इंडोनेशिया के प्रभावशाली और लोकप्रिय धर्मगुरू मुहम्मद रिजिक शिहाब को चार साल कैद की सजा सुनाई गई है. रिजिक शिहाब पर आरोप है कि उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर झूठ बोला था और लोगों के बीच भ्रम फैलाकर उनकी जान खतरे में डालने का काम किया. (फोटो क्रेडिट: Getty images)
इंडोनेशिया की ईस्ट जकार्ता डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में ये फैसला सुनाया गया है. तीन न्यायाधीशों के एक पैनल ने कहा कि शिहाब ने अपनी कोविड की जांच रिपोर्ट को लेकर गलत बयान दिया था. इसके चलते उनके संपर्क में जो लोग आए थे, उनकी पहचान करने में और इस वायरस को कंट्रोल करने में परेशानी का सामना करना पड़ा. (फोटो क्रेडिट: Getty images)
गौरतलब है कि शिहाब इस्लामिक डिफेंडर फ्रंट के आध्यात्मिक लीडर के तौर पर भी जाने जाते हैं. शिहाब ने अपने एक वीडियो में कहा था कि वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं जबकि वे उस समय कोरोना वायरस से संक्रमित थे. कोर्ट का कहना है कि शिहाब जैसी प्रभावशाली शख्सियत झूठ बोलकर लोगों में कंफ्यूजन पैदा किया. (फोटो क्रेडिट: Getty images)
इस मुकदमे में ये भी कहा गया कि शिहाब जैसे प्रभावशाली शख्स ने अपने स्वस्थ होने की गलत जानकारी दी. ये खबर ना केवल मीडिया बल्कि सोशल मीडिया पर भी प्रमुखता से दिखाई गई. ऐसा करने के साथ ही उन्होंने कई लोगों की जान को खतरे में डाला. (फोटो क्रेडिट: Getty images)
बता दें कि शिहाब 13 दिसंबर से ही हिरासत में हैं. जज के पैनल ने कहा कि जितना भी समय वे जेल में बिता चुके है, उस हिसाब से ही उनकी सजा को कम कर दिया जाएगा. गौरतलब है कि इसी अदालत ने शिहाब को 27 मई को भी आठ महीने की भी सजा सुनाई थी क्योंकि उन्होंने अपनी बेटी की शादी के दौरान कोरोना हेल्थ गाइडलाइन्स का धड़ल्ले से उल्लंघन किया था. (फोटो क्रेडिट: Getty images)
शिहाब की रिहाई के लिए उनके कई समर्थकों ने वहां रैली निकालने की कोशिश भी की थी. यही कारण है कि इस फैसले से पहले अदालत के बाहर भारी पुलिस बल और सेना के जवान तैनात किए गए थे. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें भी कीं. (फोटो क्रेडिट: Getty images)