पाकिस्तान बीते कई सालों से आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है और वहां के अर्थव्यवस्था की कमर टूट चुकी है. दिन ब दिन बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी पाकिस्तान के लिए आज सबसे बड़ी मुसीबत बन चुकी है. ऐसे में एक ताजा सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान में आम उपभोक्ताओं का विश्वास अर्थव्यवस्था पर से उठ चुका है.
पाकिस्तान के आम अवाम को लगता है कि देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं आ रही है और अगले छह महीने में यह और अधिक कमजोर होगी. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि पेरिस स्थित बाजार शोध और सलाहकार फर्म इपसोस के एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान में लोग मान रहे हैं कि देश की अर्थव्यवस्था गलत दिशा में जा रही है और अभी इसका हाल और खराब होने वाला है.
सर्वे में भाग लेने वालों ने महंगाई, रोजगार असुरक्षा और अतिरिक्त करों को देश के सामने इस समय सबसे बड़ी तीन चुनौती बताया. यह सर्वे जुलाई-दिसंबर के बीच देश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में कराया गया और इसमें 2900 लोगों से उनकी राय पूछी गई. इनमें 79 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की स्थिति के मामले में उनका रुख निराशावादी है.
अधिकांश प्रतिभागियों ने कहा कि बीते एक साल में कार या घर खरीदने जैसे बड़े सौदों में दिक्कत के साथ ही उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों का सामान खरीदने में भी काफी परेशानी आई. उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए निवेश करने की उनकी क्षमता कमजोर हुई है और मौजूदा रोजगार को बचाए रखने को लेकर भी सशंकित रहते हैं.
दस में से चार प्रतिभागियों ने बताया कि वे निजी तौर पर ऐसे लोगों को जानते हैं जिनकी नौकरी गई है. दस में से केवल एक ने कहा कि उसकी मौजूदा आर्थिक स्थिति मजबूत है, बाकी के नौ ने कहा कि आर्थिक दिक्कत ऐसी है कि रोजमर्रा का सामान खरीदना भी आसान नहीं रहा है. दस में से नौ प्रतिभागियों ने कहा कि उन्हें लगता है कि अगले छह महीने में देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति और खराब होगी.