सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) हिन्दू धर्म का एक अत्यंत पावन और श्रद्धा से परिपूर्ण पर्व है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है. यह पर्व सावन (श्रावण) मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस बार यह 23 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव का रुद्र रूप जागृत होता है और उनकी उपासना से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है.
माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने से भक्तों की सरी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. सावन के शुरू होते ही श्रद्धालु कावड़ यात्रा निकालते है. इस पवित्र यात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं. सावन शिवरात्रि के दिन कावड़ यात्रा का आखिरी दिन होता है और कांवरिया पवित्र जल से शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं.
वैसे महीने की हर चतुर्दशी को मास शिवरात्रि आती है, लेकिन सावन शिवजी का महीना है, इसलिए इसका महत्व विशेष हो जाता है. सावन शिवरात्रि के दिन व्रत, उपवास, मंत्र जाप और रात्रि जागरण को बहुत मंगलकारी माना गया है.
शिवरात्रि हिन्दू परंपरा का एक बहुत बड़ा पर्व है. भगवान शिव को समर्पित यह त्योहार चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन शिवजी और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इसलिए शिवरात्रि को शिव के विवाहोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है.
इस दिन महादेव की उपासना से व्यक्ति को जीवन में सम्पूर्ण सुख प्राप्त हो सकता है.
Sawan Budh Pradosh Vrat 2025 सावन के समापन से पूर्व शिव भक्तों के लिए यह महत्वपूर्ण व्रत है. बुध प्रदोष व्रत के दिन पूजा के लिए केवल 2 घंटे ही शुभ मुहूर्त है. आइए जानते हैं कि सावन का अंतिम प्रदोष व्रत कब है? शिव पूजा का मुहूर्त क्या है?
समीक डे ने अपनी पेंटिंग्स को पेपर पर इंक और एक्रेलिक के जरिए उकेरा है. 12*17 इंच के कैनवस पर ये चित्रकारी अपनी बारीकियों के साथ बहुत खूबसूरत बन पड़ी हैं और साथ ही शिव पुराण की कथाओं के रहस्य को खुद में समेट पाने में सक्षम हैं. इन तस्वीरों में बारीकियों की डिटेलिंग को परखना है तो कलाकार की खास पेंटिंग 'त्रिपुरारी' को देखिए.
हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण, दान, स्नान और पितरों की पूजा का विशेष महत्व होता है. यही वजह है कि इस अमावस्या को नान्दीमुख श्राद्ध के लिए भी उपयुक्त माना गया है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 24 जुलाई को हरियाली अमावस्या धूमधाम से मनाई जाएगी. साथ ही 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि है. हरियाली अमावस्या पर श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान करते हैं.
शिवरात्रि की रात्रि में की गई पूजा अत्यधिक फलदायी होती है और इससे भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस समय की गई आराधना से भक्तों को महादेव का आशीर्वाद मिलता है.
Bhimashankar Mandir: भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यह छठे ज्योतिर्लिंग में गिना जाता है. भगवान शिव का यह ज्योतिर्लिंग सह्याद्री पर्वत के घाट क्षेत्र में पवित्र भीमा नदी के तट पर स्थित भीमाशंकर पर्वत के घने जंगलों, झीलों, नदियों से घिरा हुआ है, जो मंदिर दर्शन करने वाले भक्तों के लिए बहुत ही मनमोहक दृश्य माना जाता है.
सावन शिवरात्रि का पर्व आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज भगवान शिव और माता गौरी की एक साथ अराधना करने से मनो वांछित फल मिलता है.
सावन की शिवरात्रि के अवसर पर देश भर के शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है. महादेव का जलाभिषेक करने के लिए शिवालयों में भक्त लंबी कतारों में लगे हैं और 'बम बम भोले' के जयकारे लगा रहे हैं. दूर-दूर से कांवड़िये भी पवित्र नदियों का जल लेकर महादेव का अभिषेक कर रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी विधि-विधान और मंत्रोच्चारण के साथ शिवलिंग का अभिषेक किया.
23 जुलाई यानी आज सावन की शिवरात्रि है और सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है.
आज सावन की शिवरात्रि है. इस पावन अवसर पर देशभर के शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. दिल्ली, वाराणसी, प्रयागराज, उज्जैन, गाजियाबाद, अंबकेश्वर नागेश्वर नाथ और बागपत के शिव मंदिरों में महाशिवरात्रि को लेकर भारी भीड़ देखी जा रही है. श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना कर रहे हैं.
आज देशभर में सावन की शिवरात्रि मनाई जा रही है, जहां मंदिरों में बड़ी रौनक देखी गई और भोले के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हुआ. इधर प्रधानमंत्री मोदी आज से दो दिनों के लिए ब्रिटेन के दौरे पर हैं. ब्रिटेन के दौरे के बाद, प्रधानमंत्री मोदी 25 से 26 जुलाई को मॉल्दीव जाएंगे.
आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व है और देश भर के शिव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का भारी हुजूम उमड़ पड़ा है. रात से ही शिवालयों में भक्तों की लंबी कतारें लगी हुई हैं, जहां लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. दिल्ली के गौरी शंकर मंदिर, वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर, प्रयागराज के मनकामेश्वर मंदिर, गाजियाबाद के दूधेश्वरनाथ मंदिर, उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर और अयोध्या सहित देश के अलग-अलग हिस्सों से महादेव भक्तों की तस्वीरें सामने आई हैं.
sawan shivratri 2025: इस मंदिर का इतिहास मराठा शासनकाल से जुड़ा हुआ है. लगभग तीन शताब्दियों पहले निर्मित यह मंदिर कुछ समय पहले तक वीरान पड़ा था. मुस्लिम बहुल क्षेत्र में स्थित होने के कारण गतिविधियां थम सी गई थीं. तत्कालीन जिलाधिकारी की पहल पर इस मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. इस बार मंदिर समिति द्वारा विशेष रूप से तैयार कराए गए 250 ग्राम के स्वर्ण कलश की से जलाभिषेक किया जा रहा है.
सावन की शिवरात्रि का हिंदू परंपरा में विशेष महत्व है. यह फाल्गुन की महाशिवरात्रि जितनी ही महत्वपूर्ण मानी जाती है. आज, 23 जुलाई 2025, बुधवार को सावन की शिवरात्रि है. इस दिन भगवान शिव की उपासना से जीवन में संपूर्ण सुख प्राप्त हो सकता है. भाग्य चक्र में 12 राशियों का दैनिक राशिफल भी देखें.
Mahakaleshwar Jyotirlinga: उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग वही स्थान है, जहां भगवान शिव महाकाल रूप में प्रकट होकर स्वयंभू दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हुए थे. यह ज्योतिर्लिंग महादेव के 12 ज्योतिर्लिंग में प्रमुख स्थान रखता है.
Sawan shivratri 2025: सावन शिवरात्रि में सर्वार्थ सिद्धि योग,गजकेसरी योग, नवपंचम राजयोग और भद्रावास योग बन रहे हैं. ये शुभ योग बेहद 4 राशि वालों की किस्मत खोल सकते हैं.
Sawan 2025: सावन के महीने में नंदी महाराज के कान में की गई प्रार्थना का विशेष महत्व है. जब कोई भक्त अपने मन की बात नंदी के कान में कहता है, तो नंदी एक संदेशवाहक की तरह उसे महादेव तक पहुंचाते हैं.