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रूह अफजा

रूह अफजा

रूह अफजा

अपने खास गुलाबी रंग और गुलाब, केवड़ा, पुदीना जैसी जड़ी-बूटियों की ताजगी से भरपूर स्वाद के लिए प्रसिद्ध, 'रूह अफजा' (Rooh Afza) सबसे पुरानी और लोकप्रिय पेय सामग्रियों में से एक है. गर्मियों की चिलचिलाती दोपहर हो और एक ठंडी ठंडाई की तलाश हो, तो रूह अफजा का नाम सबसे पहले ज़ुबां पर आता है.

रूह अफजा की शुरुआत 1907 में हकीम हाफ़िज अब्दुल मजीद ने दिल्ली में की थी. इसे गर्मी के प्रभाव को संतुलित करने, शरीर को ठंडक देने और पाचन को दुरुस्त करने के उद्देश्य से तैयार किया गया था. आज यह भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में बड़े पैमाने पर शरबत के रूप में उपयोग किया जाता है।

रूह अफजा एक कूलिंग शरबत है जो पारंपरिक यूनानी सिद्धांतों पर आधारित है. इसे आमतौर पर ठंडे पानी, दूध, दही, या आइसक्रीम में मिलाकर सेवन किया जाता है. इसका उपयोग कई प्रकार के पेय पदार्थों, मिठाइयों और डेसर्ट्स में किया जाता है.

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रूह अफजा न्यूज़

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