पश्चिम मेदिनीपुर जिला (Paschim Medinipur District), जिसे अंग्रेजी में West Midnapore भी कहा जाता है, पश्चिम बंगाल राज्य का एक प्रमुख और ऐतिहासिक जिला है. यह जिला 1 जनवरी 2002 को पुराने मेदिनीपुर जिले के विभाजन के बाद अस्तित्व में आया. विभाजन के बाद इसे दो भागों- पश्चिम मेदिनीपुर और पूर्व मेदिनीपुर में बांटा गया. बाद में 4 अप्रैल 2017 को झारग्राम उपखंड को अलग कर एक नया जिला बना दिया गया. आर्थिक दृष्टि से भी यह जिला महत्वपूर्ण है- पश्चिम मेदिनीपुर का जीडीपी लगभग 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर आंका गया है.
पश्चिम मेदिनीपुर, पश्चिम बंगाल के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में स्थित है. यह जिला क्षेत्रफल के मामले में राज्य में दूसरे स्थान पर आता है - इसका कुल क्षेत्रफल 9,295.28 वर्ग किलोमीटर है. राज्य में इससे बड़ा केवल दक्षिण 24 परगना जिला (9,960 वर्ग किमी) है.
जनसंख्या की दृष्टि से, पश्चिम मेदिनीपुर ग्रामीण आबादी वाले जिलों में तीसरे स्थान पर है, यहां लगभग 45.8 लाख लोग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं.
2011 की जनगणना के अनुसार, इस जिले में 14.87% जनसंख्या आदिवासी समुदायों से संबंधित है, जो इसे पश्चिम बंगाल के आदिवासी प्रधान जिलों में शामिल करता है.
भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने वर्ष 2006 में पश्चिम मेदिनीपुर को देश के 250 सबसे पिछड़े जिलों में शामिल किया था.
इसी कारण यह जिला Backward Regions Grant Fund (BRGF) योजना के तहत केंद्र सरकार से विशेष अनुदान प्राप्त करता है.
इन फंड्स का उपयोग ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत संरचना सुधार के लिए किया जाता है.
पश्चिम मेदिनीपुर जिले में कुल 15 विधानसभा क्षेत्र (Assembly Constituencies) हैं, जो चार लोकसभा क्षेत्रों (Lok Sabha Constituencies) से जुड़े हैं.
मेदिनीपुर और घाटाल में जिले के छह-छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जबकि झारग्राम में दो और आरामबाग में एक विधानसभा क्षेत्र शामिल है.
2011 की जनगणना के अनुसार, पश्चिम मेदिनीपुर जिले की कुल जनसंख्या 59,13,457 थी, जो इरिट्रिया देश या अमेरिका के मिसौरी राज्य की जनसंख्या के लगभग बराबर है. जनसंख्या घनत्व 636 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है. लिंगानुपात 960 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष है. जिले का साक्षरता दर 79.04% है.
यहां अनुसूचित जाति (SC) 19.08% और अनुसूचित जनजाति (ST) 14.88% है. अर्थात् कुल मिलाकर 33.96% आबादी एससी और एसटी वर्गों से संबंधित है.
पश्चिम मेदिनीपुर बहुभाषी क्षेत्र है यहां 87.15% लोग बंगाली भाषा बोलते हैं, 6.29% संथाली, 2.49% हिंदी, और 0.93% तेलुगु भाषी हैं. यह सांस्कृतिक रूप से विविध और भाषाई रूप से समृद्ध जिला है.
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