मुकुल रोहतगी (Mukul Rohtagi) एक प्रख्यात वकील और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं. वे भारत के 12वें अटॉर्नी जनरल रहे. उनका कार्यकाल 19 जून 2014 से 18 जून 2017 तक तीन वर्षों का रहा. उनके बाद के. के. वेणुगोपाल को इस पद पर नियुक्त किया गया. दिलचस्प बात यह है कि मुकुल रोहतगी को दोबारा इस पद को संभालने का प्रस्ताव भी मिला था, लेकिन उन्होंने उसे अस्वीकार कर दिया.
रोहतगी ने अपनी विधि शिक्षा मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से पूरी की. कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद मुकुल रोहतगी ने योगेश कुमार सबरवाल के मार्गदर्शन में प्रैक्टिस शुरू की. योगेश सबरवाल बाद में भारत के 36वें मुख्य न्यायाधीश बने. शुरुआती दिनों में रोहतगी ने दिल्ली हाई कोर्ट में उनके साथ काम किया और इसके बाद उन्होंने अपनी खुद की प्रैक्टिस शुरू की.
3 जून 1993 को दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया. इसके बाद वर्ष 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया. इस नियुक्ति के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी वकालत पर ध्यान केंद्रित किया.
सुप्रीम कोर्ट के जज एमएम सुंदरश ने एक सुनवाई के दौरान टीम इंडिया की टेस्ट क्रिकेट में गिरावट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि T20 और ODI पर अधिक ध्यान देने से टेस्ट प्रदर्शन प्रभावित हो रहा है. यह बयान भारत के दक्षिण अफ्रीका से 2–0 की घरेलू टेस्ट हार के बाद सामने आया.