Isreal Nuclear Power: ऑपरेशन राइज़िंग लायन के तरह इज़रायल ने ईरान के परमाणु केंद्रों पर हमले किए हैं. इन हमलों को मकसद है ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता को खत्म कर देना. इस ऑपरेशन में इज़रायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) और खुफिया एजेंसी मोसाद ने मिलकर ईरान के नतांज, इस्फहान और फोर्डो जैसे परमाणु केंद्रों, सैन्य अड्डों और मिसाइल ठिकानों पर हमले किए. इस बीच सवाल उठता है कि
दुनिया में ऐसे 9 देश हैं जिनके पास परमाणु हथियार हैं. रूस के पास 5499, अमेरिका के पास 5277, चाइना के पास 600, फ्रांस के पास 290, यूके के पास 225, भारत के पास 180 आदि, लेकिन जब बात इजरायल की आती है तो इनके पास कितने परमाणु बम हैं, इसकी कोई सटीक गिनती नहीं है क्योंकि अक्सर कहा जाता है कि इजरायल हमेशा से अपना न्यूक्लियर पावर को छुपाता आया है. कई एक्सपर्ट्स ये भी कहते हैं कि इजरायल दिन-पे-दिन अपनी न्यूक्लियर पावर को बढ़ाता जा रहा है, हालांकि इस मामले पर इजरायल हमेशा चुप्पी साध लेता है.
सेंटर फॉर आर्म्स कंट्रोल एंड नॉनप्रोलिफरेशन एंड द न्यूक्लियर थ्रेट इनिशिएटिव के अनुसार, माना जाता है कि इजरायल के पास कम से कम 90 वॉरहेड और सैकड़ों परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री है. पिछले 50 वर्षों में कुछ रिपोर्टें आई हैं कि इजरायल ने अपने परमाणु हथियारों का परीक्षण भी किया है, जिनमें दक्षिणी इजरायल का नेगेव रेगिस्तान भी शामिल है.
New York Post के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानीकर्ता, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने आकलन किया है कि 30 देश परमाणु हथियार विकसित करने में सक्षम हैं, लेकिन केवल नौ के पास ही उन्हें रखने की जानकारी है. नोबेल पुरस्कार विजेता वकालत समूह, इंटरनेशनल कैंपेन टू एबोलिश न्यूक्लियर वेपन्स के अनुसार, नौ में से इजरायल के पास दूसरा सबसे छोटा शस्त्रागार (जहां परमाणु बम बनाए और रखे जाएं) है. विशेषज्ञों कहा कहनै है कि इजरायल लड़ाकू जेट, पनडुब्बियों या बैलिस्टिक मिसाइल ग्राउंड लॉन्चर से वॉरहेड दाग सकता है.
New York Post के अनुसार, आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के अनुसार, 1967 के आसपास, इज़राइल ने गुप्त रूप से परमाणु विस्फोटक बनाने की क्षमता विकसित की थी. 1973 तक, संयुक्त राज्य अमेरिका को विश्वास हो गया था कि इज़राइल के पास परमाणु हथियार हैं. इज़राइल उन तीन दर्जन देशों में से नहीं है, जिन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका के परमाणु छत्र द्वारा संरक्षित माना जाता है. परमाणु छत्र ऐसी नीति जिसके अंदर अमेरिका उन देशों की परमाणु बम से रक्षा करता है जिनके पास परमाणु बम नहीं हैं.
विशेषज्ञों ने कहा कि यह तथ्य कि इज़राइल अमेरिकी परमाणु छत्र का हिस्सा नहीं था, यह एक और अघोषित स्वीकृति थी कि इज़राइल के पास अपने स्वयं के परमाणु हथियार थे और उसे सुरक्षा या निरोध की आवश्यकता नहीं थी। श्री बोल्फ्रास ने कहा, "आखिरकार, जिम्मेदारी की भावना है कि इज़राइल की सुरक्षा इज़राइल के पास है, और वे इसके लिए जो भी आवश्यक होगा, करेंगे।"