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मेहरानगढ़ किला

मेहरानगढ़ किला

मेहरानगढ़ किला

मेहरानगढ़ किला 

मेहरानगढ़ किला जोधपुर, राजस्थान, भारत में 1,200 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है. यह परिसर आसपास के मैदान से लगभग 122 मीटर ऊपर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है (Mehrangarh Fort Geography). इसका निर्माण 1459 में राजपूत शासक राव जोधा ने कराया था (Mehrangarh Fort Built by Rao Jodha). इसकी सीमाओं के अंदर कई महल हैं जो अपनी जटिल नक्काशी और विशाल आंगनों के लिए जाने जाते हैं. इसके अंदर एक संग्रहालय भी है जिसमें कई अवशेष रखे हुए हैं. इस किले से एक घुमावदार सड़क नीचे शहर की ओर जाती है. जयपुर की सेनाओं पर हमला करके दागे गए तोप के गोले के निशान अभी भी इस किले के दूसरे द्वार पर देखे जा सकते हैं. किले के बाईं ओर एक सैनिक किरत सिंह सोडा की छतरी है (Chhatri of Kirat Singh Soda), जो मेहरानगढ़ की रक्षा करते हुए मौके पर गिर गया था (Mehrangarh Fort Structure and Design).

जयपुर और बीकानेर सेनाओं पर अपनी जीत के उपलक्ष्य में महाराजा मान सिंह ने 1806 में जय पोल (विजय द्वार) सहित सात द्वार का निर्माण करवाया था (Jai Pol Built by Maharaja Man Singh). यहां एक फतेहपोल भी है, जो 1707 में मुगलों पर महाराजा अजीत सिंह की जीत की याद दिलाता है (Fateh Pol, built to celebrate a victory over Mughals).

यहां चामुंडा माताजी मंदिर भी स्थित है. राव जोधा उनकी मूर्ति को 1460 में मंडोर की पुरानी राजधानी से लेकर आए और उन्हें मेहरानगढ़ में स्थापित किया था (Chamunda Devi Temple). मां चामुंडा मंडोर के प्रतिहार शासकों की कुल देवी थीं. वह महाराजा और शाही परिवार की इष्ट देवी या दत्तक देवी बनी हुई हैं और जोधपुर के अधिकांश निवासी उनकी पूजा करते हैं. दशहरा उत्सव के दौरान मेहरानगढ़ में भीड़ उमड़ती है. 30 सितंबर 2008 को मेहरानगढ़ किले के अंदर चामुंडा देवी मंदिर में एक भगदड़ में 249 लोग मारे गए और 400 से अधिक घायल हो गए थे (2008 Chamunda Devi Temple Stampede).

यहां होने वाले कुछ उल्लेखनीय त्योहारों में विश्व पवित्र आत्मा महोत्सव और राजस्थान अंतरराष्ट्रीय लोक महोत्सव शामिल हैं (Mehrangarh Fort Festivals).
 

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