लड्डू (Laddoo) भारतीय मिठाइयों में एक खास स्थान रखते हैं. गोल आकार और मीठे स्वाद के कारण यह सिर्फ मिठाई ही नहीं, बल्कि उत्सवों, त्योहारों और खुशी के अवसरों का प्रतीक भी है. लड्डू के प्रकार और उसका महत्व संस्कृति, क्षेत्र और अवसर के अनुसार बदलता रहता है.
लड्डू सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि सामाजिक और धार्मिक जीवन का हिस्सा भी हैं. इतना ही दिवाली, जन्मदिन, गणेश चतुर्थी आदि में लड्डू बांटे जाते हैं. लड्डू खुशी और प्रेम का प्रतीक होते हैं. गणेशजी को लड्डू बहुत प्रिय हैं, इसलिए उनकी मूर्तियों के पास लड्डू चढ़ाए जाते हैं.
सही सामग्री और सीमित मात्रा में लड्डू स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हो सकते हैं. बेसन और मूंगफली के लड्डू प्रोटीन और ऊर्जा से भरपूर होते हैं. नारियल और सूजी के लड्डू हड्डियों और पाचन के लिए अच्छे माने जाते हैं.
लड्डू कई प्रकार के होते हैं. कुछ प्रमुख प्रकार हैं-
बेसन के लड्डू- बेसन, घी और चीनी मिलाकर बनाया जाता है. यह साधारण लेकिन स्वादिष्ट होता है.
सूजी के लड्डू- सूजी, घी और शक्कर से बने ये लड्डू बहुत लोकप्रिय हैं.
नारियल के लड्डू- सूखा या ताजा नारियल, घी और शक्कर मिलाकर तैयार किए जाते हैं.
दलिया, मूंगफली या चना के लड्डू- ये स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक विकल्प हैं.
तिरुपति तिरुमला देवस्थानम के प्रमुख प्रसाद लड्डू में मिलावट की खबर ने भक्तों की आस्था को ठेस पहुंचाई है. भगवान वेंकटेश के भोग के रूप में प्रसिद्ध यह लड्डू श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक माना जाता है. लड्डू गोपाल की लोककथाएं और इतिहास इसे विशेष महत्व देते हैं.