रूस के सुदूर पूर्व में स्थित कामचटका प्रायद्वीप (Kamchatka Peninsula) एक ऐसा स्थान है, जो प्रकृति प्रेमियों, खोजकर्ताओं और रोमांच के शौकीनों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है. यह इलाका अपने सक्रिय ज्वालामुखियों, बर्फ से ढंकी पर्वतमालाओं, गर्म जलस्रोतों और जंगली जीव-जंतुओं के लिए विश्व प्रसिद्ध है.
कामचटका प्रायद्वीप लगभग 1,250 किलोमीटर लंबा है और यह उत्तर प्रशांत महासागर तथा ओखोत्स्क सागर के बीच फैला हुआ है. यह क्षेत्र सुदूर पूर्वी रूस के कामचटका क्राय (Kamchatka Krai) के अंतर्गत आता है. यह इलाका "Pacific Ring of Fire" का हिस्सा है, जिस कारण यहां बड़ी संख्या में ज्वालामुखी सक्रिय रहते हैं.
कामचटका की सबसे प्रमुख विशेषता इसके ज्वालामुखी हैं. यहां लगभग 300 ज्वालामुखी हैं, जिनमें से 30 से अधिक अब भी सक्रिय हैं. इनमें से कुछ प्रमुख नाम हैं-
Klyuchevskaya Sopka – रूस का सबसे ऊँचा सक्रिय ज्वालामुखी (4,750 मीटर)
Kronotsky Volcano – एकदम परिपूर्ण आकार वाला सुंदर ज्वालामुखी
Mutnovsky और Gorely – ट्रेकिंग के लिए लोकप्रिय है.
यहां का Valley of Geysers दुनिया की सबसे बड़ी गैसर घाटियों में से एक है, जहां गर्म पानी के फव्वारे धरती से सीधे फूटते हैं. इसके अलावा हॉट स्प्रिंग्स, ग्लेशियर, और जंगलों की सुंदरता इस स्थान को और भी खास बनाती है.
कामचटका का इलाका बहुत ही समृद्ध जैव विविधता से भरा हुआ है.
इस क्षेत्र में आज भी स्थानीय आदिवासी समुदाय जैसे कि Koryaks, Itelmens और Even रहते हैं. उनकी पारंपरिक जीवनशैली, संगीत, नृत्य और रीति-रिवाज कामचटका की संस्कृति को विशेष बनाते हैं.
रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 30 जुलाई को 8.8 तीव्रता का जबरदस्त भूकंप आया था. यह भूकंप इतना ताकतवर था कि इसे इतिहास के छठे सबसे बड़े भूकंपों में गिना गया.
पिछले हफ्ते इसी क्षेत्र में 8.8 तीव्रता का एक भीषण भूकंप आया था, जिसके बाद अमेरिका, रूस और जापान समेत कई देशों में सुनामी की चेतावनियां जारी की गई थीं. लगातार आ रहे इन भूकंपों के कारण आसपास के देशों में दहशत का माहौल है और विशेषज्ञ स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.
कनाडा के युकोन में 'टिंटिना फॉल्ट' नाम की पुरानी रेखा 7.5 तीव्रता का भूकंप ला सकती है. यह 12,000 साल से शांत है, लेकिन अब दबाव बढ़ गया है. डॉसन सिटी जैसे छोटे गांवों को खतरा है. वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट से यह पता लगाया.
कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भूकंप और उसके बाद का ज्वालामुखी विस्फोट इस क्षेत्र की नाजुक स्थिति को दिखाता है. अवाचा बेस पर परमाणु पनडुब्बियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई पक्का नुकसान साबित नहीं हुआ. रूस का दावा है कि सब ठीक है, लेकिन विशेषज्ञ सतर्क हैं. आफ्टरशॉक्स का खतरा बना हुआ है, इसलिए दुनिया की नजर इस इलाके पर टिकी है.
कुरिल द्वीपों के पास आज सुबह 6.5 तीव्रता का भूकंप आया, जो कल के 8.8 तीव्रता वाले भूकंप के बाद हुआ. यह क्षेत्र भूकंप और ज्वालामुखी का जोखिम वाला है. अभी नुकसान की खबर नहीं. आफ्टरशॉक्स की आशंका बनी हुई है.
सुनामी गहरे समुद्र में जेट विमान की तरह तेज (800 किमी/घंटा) चलती है, लेकिन तट पर आते-आते धीमी (20-30 किमी/घंटा) हो जाती है. इस दौरान उसकी ऊंचाई बढ़कर 10-30 मीटर हो सकती है, जो शहरों को तबाह कर देती है. सही जानकारी और तैयारी से इसकी मार से बचा जा सकता है.
रूस के तटवर्ती इलाके कामचटका में 8.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया है. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार ये भूकंप समुद्र के नीचे आया, जिसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. भूकंप का केंद्र रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पूर्वी तट के पास बताया गया है.
NASA ISRO Nisar Satellite Launch: निसार मिशन पृथ्वी का "एमआरआई स्कैनर" है, जो भूकंप, सुनामी, भूस्खलन और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं की पहले से चेतावनी देगा. यह सैटेलाइट दोहरे रडार सिस्टम, हर मौसम में काम करने की क्षमता, और सेंटीमीटर स्तर की सटीकता के साथ पृथ्वी की सतह को स्कैन करेगा.
रूस का कामचटका प्रायद्वीप 8.8 तीव्रता वाले भूकंप से दहल उठा. कामचटका में भारी तबाही हुई है. जापान, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई. समुद्र में तीन मीटर से ऊंची लहरों की आशंका है. देखें दुनिया आजतक.
प्रशांत महासागर और उसका हिस्सा ओखोत्सक सागर एक ऐसा क्षेत्र है, जो अपनी जैविक समृद्धि के साथ-साथ भूकंप और सुनामी से बार-बार तबाही मचाता है. 30 जुलाई 2025 का कामचटका भूकंप इसकी ताकत का ताजा उदाहरण है, जिसने 12 देशों—रूस, जापान, हवाई, कैलिफोर्निया, अलास्का, सोलोमन द्वीप, चिली, इक्वाडोर, पेरू, फिलीपींस, गुआम और न्यूजीलैंड में सुनामी का खतरा पैदा किया.
रूस में बेहद खतरनाक भूकंप आया है जिसके बाद सुनामी की लहरें उठी हैं. जापान और अमेरिका के तटीय इलाकों में भी सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है. इस बीच रूस से एक वीडियो सामने आया है जो प्राकृतिक आपदा के बीच इंसानी जज्बे का बेहतरीन उदाहरण साबित हो रहा है.
8.8 तीव्रता का भूकंप, जो रूस के कामचटका में आया, ने प्रशांत महासागर में सुनामी की लहरें पैदा कीं, जो जापान, हवाई, अलास्का, कैलिफोर्निया, सोलोमन द्वीप, चिली और इक्वाडोर जैसे देशों तक पहुंचीं. ये लहरें भूकंप के 35 मिनट से लेकर 15 घंटे बाद तक विभिन्न तटीय इलाकों में पहुंचीं. हवाई, जापान और सोलोमन द्वीप में 1-3 मीटर की लहरें देखी गईं. यह खतरा 31 जुलाई 2025 की दोपहर तक बना रह सकता है.
रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास समुद्र तल पर 8.8 तीव्रता का भूकंप आया है. यह दशक के सबसे बड़े भूकंपों में से एक है. भूकंप के बाद रूस और जापान सहित प्रशांत महासागर के कई देशों में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है. भूकंप के तेज झटकों से घर, गाड़ियां और सामान हिलने लगे.
8.8 तीव्रता का भूकंप हिरोशिमा जैसे 9000-14300 परमाणु बमों की ऊर्जा के बराबर होता है, जो लगभग 9 x 10^17 जूल्स या 6.27 मिलियन टन टीएनटी है. यह ऊर्जा इतनी ज्यादा है कि यह किसी शहर को पूरी तरह तबाह कर सकती है. रूस और जापान में इस भूकंप का खौफ इसलिए है, क्योंकि यह पैसिफिक रिंग ऑफ फायर पर हुआ, जहां सुनामी और भूस्खलन का खतरा ज्यादा है.
रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास सुबह-सुबह 8.8 तीव्रता का भूकंप आया है. यह रूस के सुदूर पूर्वी इलाके में 1952 के बाद का सबसे बड़ा भूकंप है. भूकंप का केंद्र केमचट के तट पर था. इस झटके के बाद रूस और कई अन्य देशों में भी सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है. रूस के साथ-साथ जापान, हवाई, इक्वाडोर और चिली में भी सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है.
जापान की मौसम एजेंसी ने चेतावनी दी है कि 'सुनामी बार-बार आ सकती है, जब तक चेतावनी वापस न ले ली जाए, तब तक लोग समुद्र के पास या नदियों के किनारे बिल्कुल न जाएं.' जानकारी के मुताबिक, सुनामी की आशंका के चलते जापान के फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को खाली करवा लिया गया है. 2011 में आए विनाशकारी भूकंप और सुनामी से यहां भयानक तबाही मची थी.
जापान की मौसम एजेंसी के अनुसार, इशिनोमाकी बंदरगाह पर 50 सेंटीमीटर ऊंची सुनामी लहर दर्ज की गई है, जो अब तक की सबसे ऊंची लहर मानी जा रही है. इसके अलावा अन्य 16 स्थानों पर भी 40 सेंटीमीटर तक की लहरें दर्ज की गई हैं, जो प्रशांत तट के साथ दक्षिण दिशा की ओर बढ़ रही हैं.