इंडियन ओवरसीज बैंक
इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) एक प्रमुख भारतीय राष्ट्रीयकृत बैंक है. यह वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के स्वामित्व में है. इसका मुख्यालय तमिलनाडु (Tamil Nadu), भारत में स्थित है (Indian Overseas Bank Headquarter). इसके लगभग 3,214 घरेलू शाखाएं, लगभग 4 विदेशी शाखाएं और प्रतिनिधि कार्यालय हैं (Indian Overseas Bank Branches and Offices). इसकी स्थापना 10 फरवरी 1937 में एम. सीटी एम. चिदंबरम चेट्टर ने किया था (Indian Overseas Bank Founder and Foundation).
एम. चिदंबरम ने विदेशी मुद्रा व्यापार और विदेशी बैंकिंग में विशेषज्ञता के दोहरे उद्देश्यों के साथ भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में विभिन्न मील के पत्थर बनाए हैं. राष्ट्रीयकरण के दौरान, इंडियन ओवरसीज बैंक भारत सरकार द्वारा अधिग्रहित 14 प्रमुख बैंकों में से एक था. 5 दिसंबर 2021 को, इंडियन ओवरसीज बैंक को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बीच डिजिटल भुगतान लेनदेन शुरू किया. बैंक के दूसरा उच्चतम प्रतिशत प्राप्त करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 2020-21 का डिगिधन पुरस्कार मिला. 31 मार्च 2022 तक इंडियन ओवरसीज बैंक का कुल कारोबार 417,960 करोड़ का है (Indian Overseas Bank Business).
इंडियन ओवरसीज बैंक के एमडी और सीईओ, पार्थ प्रतिम सेनगुप्ता हैं (Indian Overseas Bank, MD and CEO).
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का लंबे समय से नोबेल शांति पुरस्कार पाने का सपना शायद अब सच होने वाला है. उनका ऐतिहासिक 20-पॉइंट गाजा शांति प्रस्ताव, इजराइल, कतर और कई अरब देशों के समर्थन के साथ सामने आया है जो मध्यपूर्व में युद्ध खत्म करने और गाजा में शांति कायम करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. अगर ये योजना लागू होती है तो ट्रंप के नोबेल शांति पुरस्कार जीतने की राह मजबूत हो जाएगी.
RBI Bank Locker Rules: लखनऊ में इंडियन ओवरसीज बैंक में डकैती की घटना ने बैंकों में लॉकर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इसे लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने कई नियम बनाए हैं, जिन्हें हर ग्राहक के लिए जानना जरूरी है.
जुलाई 1969 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण करते वक्त राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा, "अर्थव्यवस्था की कमान संभालने वाली ऊंचाइयों पर नियंत्रण जरूरी है, खासकर एक गरीब देश में जहां विकास के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाना और तमाम समूहों और क्षेत्रों के बीच असमानताओं को कम करना बेहद मुश्किल है."
किसी भी बैंक के MCLR में बढ़ोतरी से कार, पर्सनल और होम लोन महंगा हो जाता है. MCLR बढ़ने से आपके लोन की ईएमआई बढ़ जाती है. रिजर्व बैंक की ओर से महंगाई पर नियंत्रण के लिए उठाए जाने वाले कदमों से कर्ज की दरों पर असर पड़ रहा है. RBI ने रेपो रेट में इजाफा किया था.