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गोलाघाट

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गोलाघाट

गोलाघाट (Golaghat), असम राज्य का एक प्रमुख जिला और शहर है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, चाय बागानों और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है. यह असम के ऊपरी क्षेत्र (Upper Assam) में स्थित है और ऐतिहासिक व भौगोलिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.

गोलाघाट जिले की स्थापना वर्ष 1987 में हुई थी. यह जिला ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट के पास बसा है और यहां की भूमि उपजाऊ होने के कारण कृषि के लिए अत्यंत अनुकूल है. यहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से चाय उत्पादन, कृषि और छोटे उद्योगों पर आधारित है. गोलाघाट के चाय बागान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हैं और असम की पहचान को मजबूत करते हैं.

गोलाघाट का सबसे बड़ा आकर्षण काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान है, जो विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site) के रूप में मान्यता प्राप्त है. यह उद्यान एक सींग वाले गैंडे, बाघ, हाथी और कई दुर्लभ पक्षी प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है. इसके अलावा नामबोर-डोईग्रुंग वन्यजीव अभयारण्य भी प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है.

यह जिला सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध है. यहां असमिया, बंगाली, बोडो, मिसिंग और आदिवासी समुदायों के लोग रहते हैं, जिससे इसकी संस्कृति बहुरंगी बनती है. बिहू, दुर्गा पूजा और माघ बिहू जैसे त्योहार यहां बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं.

शिक्षा के क्षेत्र में भी गोलाघाट ने अच्छी प्रगति की है. यहां काजीरंगा विश्वविद्यालय और कई कॉलेज व विद्यालय स्थित हैं. सड़क और रेल मार्ग के जरिए यह जिला असम के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है.

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