दक्षिण दिनाजपुर (Dakshin Dinajpur), जिसे बंगाली में দক্ষিণ দিনাজপুর कहा जाता है, भारत के पश्चिम बंगाल राज्य का एक महत्वपूर्ण जिला है. इस जिले का गठन 1 अप्रैल 1992 को किया गया था, जब पश्चिम दिनाजपुर (West Dinajpur) जिले का विभाजन कर दो नए जिले बनाए गए, उत्तर दिनाजपुर और दक्षिण दिनाजपुर. जिले का मुख्यालय बालुरघाट (Balurghat) में स्थित है. यह जिला दो उपखंडों- बालुरघाट और गंगारामपुर में विभाजित है.
2011 की जनगणना के अनुसार, दक्षिण दिनाजपुर पश्चिम बंगाल का सातवां सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला था (कुल 23 जिलों में से).
दक्षिण दिनाजपुर का इतिहास विभाजन काल से जुड़ा है. 1947 में भारत के विभाजन के समय, दिनाजपुर जिला दो भागों में बंट गया -
पूर्व दिनाजपुर (East Dinajpur), जो अब बांग्लादेश का हिस्सा है, और पश्चिम दिनाजपुर (West Dinajpur), जो भारत में रह गया. 1956 में राज्यों के पुनर्गठन अधिनियम (States Reorganisation Act) के तहत बिहार के कुछ हिस्सों को पश्चिम दिनाजपुर में शामिल किया गया. अंततः 1 अप्रैल 1992 को इसे दो अलग-अलग जिलों- उत्तर दिनाजपुर और दक्षिण दिनाजपुर में विभाजित किया गया.
दक्षिण दिनाजपुर एक समृद्ध कृषि प्रधान जिला है, जहां अधिकांश भूमि खेती योग्य है. यह क्षेत्र कई नदियों से घिरा है, जिनमें प्रमुख हैं - आत्रेयी (Atreyee), पूर्णभावा (Purnabhaba), टंगन (Tangon) और जमूना (Jamuna). इन नदियों ने यहाँ मत्स्य पालन समुदाय के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
जिले में कुल 9 थाने, 8 विकासखंड, 3 नगरपालिकाएं, 64 ग्राम पंचायतें, और लगभग 2317 गांव हैं.
दक्षिण दिनाजपुर की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है. यहां की उपजाऊ मिट्टी में धान, जूट और सब्जियां प्रमुख रूप से उगाई जाती हैं. साथ ही, यहां छोटे स्तर का व्यापार और सेवा क्षेत्र भी स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान देता है. औद्योगिक गतिविधियाँ अपेक्षाकृत कम हैं, लेकिन मत्स्य पालन और कृषि आधारित उद्योगों का विकास तेजी से हो रहा है.
2011 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल जनसंख्या 16,76,276 थी. जनसंख्या घनत्व 753 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है. जनसंख्या वृद्धि दर (2001–2011) 11.16% रही. लिंगानुपात की बात करें तो यहां प्रति 1000 पुरुषों पर 954 महिलाएं हैं और साक्षरता दर 73.86% है.
शहरी जनसंख्या केवल 14.10%, यानी यह जिला मुख्यतः ग्रामीण है. अनुसूचित जाति 28.80% और अनुसूचित जनजाति 16.43% है.
दक्षिण दिनाजपुर में मुख्य भाषा बंगाली है. यहां बोली जाने वाली बंगाली की स्थानीय उपभाषा को वरेंद्र बंगाली (Varendri Bengali) या दिनाजपुरी बंगाली कहा जाता है.
यह क्षेत्र संस्कृतिक रूप से समृद्ध है और यहां लोकसंगीत, हस्तशिल्प, पारंपरिक उत्सव और कृषि-आधारित जीवनशैली देखने को मिलती है.
निर्वाचन क्षेत्र निर्धारण आयोग (Delimitation Commission) के अनुसार, दक्षिण दिनाजपुर को 6 विधानसभा क्षेत्रों में विभाजित किया गया है. जिला राजनीति में तृणमूल कांग्रेस, भाजपा और वाम दलों का प्रमुख प्रभाव देखा जाता है.
खरीदारों को सामान के भुगतान के लिए केवल हलाल फंड का उपयोग करना चाहिए. यदि किसी भी कारण से 'हराम' धन का उपयोग किया जाता है तो खरीदी गई वस्तु से होने वाला लाभ हराम माना जाएगा. जिन व्यक्तियों की आय के स्रोत स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित हैं, उनसे सामान, कार, घर का किराया, स्कूल या मदरसा की फीस आदि के लिए भुगतान एकत्र करना स्वीकार्य है.