रिजर्व बैंक के पीसीए फ्रेमवर्क के दायरे से अन्य बैंक पहले ही बाहर हो चुके थे. सेंट्रल बैंक अकेला ऐसा बैंक था, जिसके ऊपर यह पाबंदी लगी हुई थी. अब सेंट्रल बैंक के भी बाहर आ जाने के बाद किसी भी बैंक के ऊपर पीसीए फ्रेमवर्क की पाबंदी नहीं है. रिजर्व बैंक तीन मुख्य जोखिमों के कारण बैंकों के ऊपर यह पाबंदी लगाता है.
किसी भी बैंक के MCLR में बढ़ोतरी से कार, पर्सनल और होम लोन महंगा हो जाता है. MCLR बढ़ने से आपके लोन की ईएमआई बढ़ जाती है. रिजर्व बैंक की ओर से महंगाई पर नियंत्रण के लिए उठाए जाने वाले कदमों से कर्ज की दरों पर असर पड़ रहा है. RBI ने रेपो रेट में इजाफा किया था.